RJD ने JDU से छीनी जोकीहाट सीट
तेजस्वी ने बताया- अवसरवाद पर लालूवाद की जीत
पटना: बिहार की जोकीहाट सीट पर हुए उपचुनाव में एक बार फिर से जेडीयू और एनडीए को शिकस्त का सामना करना पड़ा. यहां आरजेडी उम्मीदवार शाहनवाज आलम ने जेडीयू के मुर्शीद आलम को 41 हजार से अधिक वोटों के साथ करारी शिकस्त दी है. इस जीत से गदगद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने लोगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि ये जनता की जीत है. जोकीहाट जदयू का गढ़ रहा है इसके वाबजूद जदयू की करारी हार हुई है. जन-बल का भरपूर इस्तेमाल करने के बाद भी जदयू हार गई.
तेजस्वी ने कहा, 'यह अवसरवाद पर लालूवादी की जीत है. धनशक्ति पर जनशक्ति की जीत है. नीतीश कुमार ने पूरी ताकत लगा दी, लेकिन इसके बावजूद जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया.'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस चुनाव में जहर बांटने और तलवार बांटने वालों की हार हुई है. उन्होंने कहा कि जोकीहाट से राजद की 41,500 से ज्यादा वोटों से हमारी जीत हुई है. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि नीतीश जी के चेहरे का कमाल कहां गया? जेडीयू को 2015 में जो 71 सीटें आई थी वो नीतीश के चहेरे का नहीं बल्कि लालू प्रसाद की देन है. आरजडी उपचुनावों में राजद की ये लगातार तीसरी जीत है और ये हार नीतीश कुमार के लिए बड़ा सबक है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि उपचुनावों में हार की नीतीश कुमार जिम्मेदारी लें. अपनी अंतरात्मा जगाएं और हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दें.
इस हार के बाद अब सवाल ये उठने लगे हैं कि क्या नीतीश को बीजेपी के साथ जाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ये बातें उस वक्त साफ होती दिखीं, जब उपचुनाव में हार का सामना करने वाले जेडीयू के उम्मीदवार मुर्शीद आलम ने भी कहा कि भाजपा का भय दिखाकर मुस्लिमों को गोलबंद किया गया, जिसकी वजह से मेरी हार हुई है.
मुस्लिम बहुल इस इलाके में जीत के लिए दोनों दलों के नेताओं ने खूब पसीना बहाया था और जीत के दावे भी किए थे, लेकिन आखिर जीत का सेहरा महागठबंधन के सिर बंधा. इस सीट की अहमीयत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नीतीश-तेजस्वी को भी अपने-अपने दलों के लिए चुनाव में प्रचार करना पड़ा था.
राजद की जीत के साथ ही कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं सबसे बड़ा सवाल वोट जेडीयू के वोट बैंक यानि मुस्लिम वोटर्स में होने वाली सेंधमारी का तो दूसरा इस जिले समेत सीमांचल में तस्लीमुद्दीन के परिवार के राजनीतिक दबदबे का. दरअसल ये इलाका शुरू से ही मुस्लिम बाहुल्य रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश ने ये सीट जीती थी लेकिन वो तब महागठबंधन का हिस्सा थे, तब सरफराज आलम को इस सीट से बंपर जीत मिली थी, लेकिन इस बार के चुनाव में नीतीश मुस्लिम वोटर्स का वोट लेने में विफल रहे.
जोकीहाट विधानसभा के लिए 28 मई को मतदान हुआ था. जदयू से सरफराज आलम जोकीहाट से विधायक थे. इससे पहले इसी सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को भी करारी हार झेलनी पड़ी थी. राजद के टिकट पर सरफराज आलम के अररिया लोकसभा सीट जीतने के बाद ये सीट खाली हो गई थी.
जोकीहाट विधानसभा में कुल 2,70,415 मतदाता हैं जिन्होंने 28 मई को मतदान किया था. 53 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और 1,43.334 वोट पड़े. जीत के अंतर पर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या नीतीश कुमार की पकड़ा मुस्लिम वोटर्स पर से कम होने लगी है. खुद राजद के विजयी उम्मीदवार ने इसे नीतीश कुमार के अहंकार और तेजस्वी यादव के युवा नेतृत्व की जीत बताई है.