शिवसेना ने चुनाव आयोग को बताया सरकार की रखैल
मुंबई : उपचुनावों के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में आई खराबी को लेकर निर्वाचन आयोग पर शिवसेना ने तीखा हमला किया है. शिवसेना ने कहा कि सत्ताधारियों ने चुनाव आयोग , चुनाव और लोकतंत्र को रखैल बना रखा है.
गठबंधन सहयोगी भाजपा के खिलाफ तीखे हमले करते हुए शिवसेना ने सत्तारूढ़ पार्टी को ‘तानाशाही प्रवृत्तिवाला’ बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने फायदे के लिए ईवीएम खराब की हैं.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय के जरिए चेतावनी दी है कि जिस चुनावी प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठ गया है, यह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए घातक है.
लेख में लिखा है, हिंदुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, ऐसा डंका पीटने का अब कोई मतलब नहीं रह गया है. ईवीएम ने हमारे लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी है. वर्तमान तानाशाही, भीड़तंत्र की प्रवृत्ति वाले सत्ताधारियों ने लोकतंत्र को खुद की रखैल बना रखा है.
उसने आरोप लगाया गया है कि भाजपा वालों ने ईवीएम को भ्रष्ट कर खुद के इस्तेमाल की मशीनरी बना लिया है. इसलिए चुनाव और चुनाव आयोग पीला हाउस के जंग लगी कोठियों की तवायफ बन गया है.
महाराष्ट्र के भंडारा – गोंदिया और पालघर लोकसभा उपचुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में आई तकनीकी खराबी की शिकायतों का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा, इसे क्या कहें ? ईवीएम की मनमानी या मेहरबानी पर हमारी चुनावी मशीनरी सांस ले रही है. लोकतंत्र में एक – एक वोट कीमती है. लेकिन हजारों मतदाता घंटों लाइन में खड़े होने के बाद ‘बोर’ होकर वापस अपने घर लौट जाते हैं.
सामना ने लिखा है , वर्तमान चुनाव आयोग और उनकी मशीनरी सत्ताधारियों की चाटुकार बन गई है. इसलिए वे चुनाव में किये जाने वाले शराब के वितरण, पैसे बांटना , सत्ताधरियों की तानाशाही , धमकी भरे भाषणों के खिलाफ शिकायत लेने को तैयार नहीं हैं.
पार्टी ने गर्मी के कारण ईवीएम में खराबी आने की बात को लेकर चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी चुटकी ली. उसने लिखा है, 'हिंदुस्तान का मौसम और तापमान बदलता रहता है लेकिन तापमान बढ़ने से प्रधानमंत्री का हवाई जहाज बंद हो ऐसा कोई उदाहरण देखने को नहीं मिलता. तापमान के कारण भाजपा की मशीनरी का तेजी से दौड़ते हुए सोशल मीडिया का कंप्यूटर कभी बंद नहीं होता, सिर्फ ईवीएम कैसे बंद हो जाती है ?'
संपादकीय में लिखा है , इतने सालों से ईवीएम ‘भेल’ कंपनी या केन्द्रीय चुनाव आयोग से मंगाई जाती थी. इस बार चुनाव के लिए ये मशीनें सूरत की एक निजी कंपनी द्वारा मंगाई गई.
ईवीएम में कथित सेटिंग को भाजपा की जीत का कारण बताते हुए सामना ने लिखा है, ‘भारतीय जनता पार्टी और उसके कामकाज के प्रति जनता में रोष है. इसके बावजूद वे जीत रहे हैं, इसके पीछे ईवीएम की सेटिंग है.’
शिवसेना का कहना है , ‘फिलहाल हमारा चुनाव आयोग सेव – गाठिया और ढोकला खाकर सुस्त पड़ गया है. उसे न तो घोटाले दिखाई देते हैं और न ही शिकायतें सुनाई पड़तीं हैं.
प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए ‘सामना’ ने लिखा है , रूस के पुतिन और चीन के शी चिनफिंग ने उम्र भर सत्ता में रहने की व्यवस्था लोकतांत्रिक तरीके से कर ली है. हिंदुस्तान में वैसी ही तैयारी शुरू हो गई है , लेकिन यह संभव नहीं है.