लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की मौत मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने एडीजी ज़ोन, लखनऊ को जांच सौंपी है. डीजीपी ने एडीजी को जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. दरअसल मंगलवार को एएसपी राजेश साहनी ने लखनऊ स्थित एटीएस ऑफिस में खुद को सर्विस पिस्टल से गोली मारकर ख़ुदकुशी कर ली थी. उनका बुधवार को भैंसाकुंड स्थित वैकुंठ धाम पर अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान परिवार की परंपरा तोड़ते हुए इकलौती बेटी श्रेया ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाई और मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के दौरान परिवार, रिश्तेदार और मित्रों के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.

एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि एक होनहार और जांबाज़ पुलिस अफसर ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के कारणों की लखनऊ पुलिस गहनता से जांच कर रही है. शुरुआती जानकारी में बस यह पता चला है कि उन्होंने ड्राइवर से पिस्टल मंगाई और कार्यालय में ही खुद को गोली मार ली.

जानकारी के अनुसार राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे. 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे. एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया. इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफल भूमिका निभाई. राजेश साहनी एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में से एक माने जाते थे.

अभी पिछले हफ्ते ही एटीएस की टीम को राजेश साहनी के नेतृत्व में बड़ी सफलता उत्तराखंड में हाथ लगी थी. एटीएस टीम ने यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद राजेश साहनी ने रमेश सिंह को कोर्ट में पेश​ किया था और उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाए थे.