ज़ीनते जिस्म से ज़्यादा ज़ीनते रूह की ज़रूरत: सै. जुनैद अशरफ किछौछवी
लखनऊ: आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि अल्लाह ने सारी मख्लूकों में इंसान को अशरफुल मख्लूकात बनाया, जीवित इंसान की तामीर दो चीज़ों से हुई। एक मिट्टी, दूसरा रूह। अल्लाह ने इंसान को दो चीज़ों की तामीर की वजह से गिज़ा भी अलग-अलग बनाईं। एक है जिस्म की गिज़ा, दूसरी है, रूह की गिज़ा। चूंकि इंसानी जिस्म मिट्टी से बना तो अल्लाह ने गिज़ा भी मिट्टी से ही रखी, मिसाल के तौर पर फल, सब्ज़ी या कोई भी उगी हुई चीज़ या जानवर जो हम पर हलाल है, जो खुद भी मिट्टी से बना और गिज़ा भी मिट्टी के जऱिए उगी हुई चीजों से लेते हैं। अब बात करते है रूह के गिज़ा की, जिसका ताअल्लुक आसमान से है लिहाज़ा अल्लाह ने उसकी गिज़ा भी आसमानी चीज़ों पर ही रखी। कुरआन, नमाज़, रमज़ान, हज, ज़कात। यह सारी चीज़े आसमान से रसूल के ज़रिए हमें दी।
सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि इंसान जब खुद को खुश करना चाहता है तो ज़मीनी अशिया का इस्तेमाल करता है इसी तरह अगर आपको रूह को खुश करना है तो आसमानी अशिया का इस्तेमाल करें, चूंकि जो चीज़े जहां की होती है उसी से मिलकर खुश होती है। इसीलिए मरने के बाद जिस्म ज़मीन में चला जाता है और रूह आसमान में।