नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र उपचुनाव में ईवीएम की खराबी को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र उपचुनाव में चुनाव आयोग ठीक तरह से काम करने में नाकाम रहे, लेकिन बीजेपी या नरेंद्र मोदी सरकार को इस विवाद में नहीं खींचना चाहिए, क्योंकि चुनाव आयोग एक एक स्वायत्त निकाय है.

एक न्यूज़ चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा दिए गए कारण हैरान करने वालें हैं कि ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें इस क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी और धूल की वजह से खराब हो गई. जबकि इतनी गर्मी तो महाराष्ट्र में हमेशा ही रहती है.

गडकरी ने कहा, 'मैं उस समय भंडारा में ही था, जब बहुत सारे ईवीएम काम नहीं कर रहे थे या फिर बंद थे. बताया गया कि गर्मी के कारण से ईवीएम मशीनो ने काम करना बंद कर दिया. गर्मी के कारण से उनका मतलब क्या है? यहां तो हमेशा से ही इतनी गर्मी थी.'

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ये बयान शिवसेना द्वारा चुनाव आयोग पर किए गए विद्रोही हमले के बाद आया है, जिसमें शिवसेना ने कहा था कि सत्ताधारियों ने चुनाव आयोग, चुनाव और लोकतंत्र को रखैल बना रखा है. बता दें कि शिवसेना का कहना है कि बीजेपी वालों ने ईवीएम को भ्रष्ट कर खुद के इस्तेमाल की मशीनरी बना लिया है. इसलिए चुनाव और चुनाव आयोग कोठियों की तवायफ बन गया है.

बता दें कि 28 मई को महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया में उपचुनाव होने थे, लेकिन कई बूथों से ईवीएम में खराबी की खबर आई. बताया गया कि गर्मी की वजह से ईवीएम खराब हो गए हैं. ऐसे में 49 बूथों में फिर से मतदान कराना पड़ा. वहीं, यूपी में ईवीएम खराब हो जाने के कारण 73 बूथों पर बुधवार को फिर से मतदान हुए.

हालांकि, यह पहली बार है कि कैबिनेट मंत्री ने विपक्षी हमले के बीच ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना की है. ऐसे में एक बार फिर से बैलट पेपर के जरिये चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ रही है.

गडकरी ने कहा कि यह सच था कि कई ईवीएम काम नहीं कर रहे थे और चुनाव आयोग को घटना की तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर चुनाव आयोग में कोई समस्या है, तो यह उनकी गलती है. चुनाव आयोग इसके लिए ज़िम्मेदार है. अगर ऐसी गलतियां होती हैं, तो मुझे लगता है कि उन्हें जांच करनी चाहिए.'

इसके साथ ही गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की गलतियों के लिए बीजेपी या फिर पीएम मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग एक स्वायत्त निकाय है. यह बीजेपी सरकार का हिस्सा नहीं है और न ही हम उन्हें नियंत्रित करते हैं. हमने उनके काम में कभी हस्तक्षेप नहीं किया, इसलिए अगर कोई गलती होती है, तो वे इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. हमारी सरकार को दोष देना गलत है.

गडकरी ने कहा कि ईवीएम में खराबी से पीएम मोदी का क्या कनेक्शन है? बीजेपी इससे कैसे संबंधित है या मैं इससे कैसे संबंधित हूं या सरकार का इसमें क्या रोल है?

उन्होंने यह भी कहा कि जब विपक्षी दल चुनाव हार जाते हैं, तो केवल ईवीएम को दोषी ठहराते हैं. जब कांग्रेस पंजाब में जीती तो ईवीएम अच्छी थी, जब कर्नाटक में हमें बहुमत नहीं मिला, तो ईवीएम फिर से अच्छे लगने लगे, लेकिन जब वे चुनाव हार गए तो ईवीएम ठीक नहीं थी.