लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस मुख्यालय में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी की ऑफिस में ही खुद को गोली मार ली, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई है. राजेश साहनी की मौत की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. आनन फानन में पुलिस के सभी बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे. मामले में एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि एक दुखद खबर हमारे एक होनहार और जांबाज़ पुलिस अफसर ने आज दोपहर 12.45 पर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या के क्या कारण रहे हैं, लखनऊ पुलिस इसकी गहनता से जांच कर रही है. अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी उत्तर प्रदेश एटीएस में तैनात थे. शुरुआती जानकारी में बस ये पता चला है कि उन्होंने ड्राइवर से पिस्टल मंगाई और कार्यालय में ही खुद को गोली मार ली.

जानकारी के अनुसार राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे. 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे. एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई आॅपरेशन को सफलता से अंजाम दिया. इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफल भूमिका निभाई. राजेश साहनी एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में से एक माने जाते थे.

अभी पिछले हफ्ते ही एटीएस की टीम को राजेश साहनी के नेतृत्व में बड़ी सफलता उत्तराखंड में हाथ लगी थी. एटीएस टीम ने यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद राजेश साहनी ने रमेश सिंह को कोर्ट में पेश​ किया था और उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाए थे. राजेश काफी समय से तमाम आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल और भारत में आतंक की साजिशों को बेनकाब कर रहे थे. उत्तराखंड आॅपरेशन में राजेश साहनी के साथ उनकी टीम में इंस्पेक्टर मंजीत सिंह, एसआई शैलेंद्र गिरी, कंप्यूटर आॅपरेटर वकील अहमद, कांस्टेबल हरीश और मनोज शामिल थे.