सीज फायर न तोड़ने पर सहमत हुआ पाकिस्तान
हॉटलाइन पर हुई भारत-पाकिस्तान के DGMO की बातचीत
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) की मंगलवार को सीमा पर शांति बहाली को लेकर हॉटलाइन पर बातचीत हुई. इस बातचीत में दोनों देशों ने 2003 में हुए शांति समझौतों को पूरी तरह मानने पर सहमति जताई. दोनों देश सीज फायर न तोड़ने के लिए भी सहमत हुए.
दोनों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों देशों में से किसी भी देश ने सीज फायर तोड़ा तो पहले हॉटलाइन पर बातचीत की जाएगी फिर कोई निर्णय लिया जाएगा.
थल सेना ने कहा है कि दोनों सैन्य कमांडरों ने शाम छह बजे ‘ हॉटलाइन ’ पर बातचीत के दौरान जम्मू कश्मीर में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. विशेष हॉटलाइन संपर्क की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की.
भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच बातचीत के बाद दोनों सेनाओं ने समान बयान जारी कर कहा कि दोनों देश 15 साल पुराने सीज फायर समझौते को पूरी तरह से लागू करने पर सहमत हुए हैं. साथ ही , यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों ओर से सीज फायर का उल्लंघन ना हो.
रक्षा सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि पाकिस्तानी आर्मी द्वारा सीज फायर तोड़ने की इस साल अब तक 908 घटनाएं दर्ज की गई हैं , जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 860 था. वहीं , इस्लामाबाद से मिली खबर के मुताबिक पाकिस्तान आर्मी की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा है कि दोनों शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच आज एक विशेष हॉटलाइन संपर्क स्थापित किया गया.
बयान में कहा गया है कि दोनों डीजीएमओ ने नियंत्रण रेखा और ‘वर्किंग बाउंड्री’ पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. शांति के लिए और सीमा पर आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए वे गंभीर कदम उठाने को लेकर भी सहमत हुए. वे 2003 के संघर्षविराम समझौते को पूरी तरह से लागू करने पर सहमत हुए.
बयान में कहा गया है कि दोनों डीजीएमओ इस बात पर भी सहमत हुए कि कोई मुद्दा उठने पर संयम रखा जाएगा और उस विषय का हॉटलाइन संपर्क तथा स्थानीय कमांडरों की फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र के जरिए हल किया जाएगा.
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक भारत ने कहा कि हम पाकिस्तान से प्रॉक्सी वार को खत्म करने के लिए लंबे समय से कहते आए हैं लेकिन पाकिस्तान मान नहीं रहा है. पाकिस्तान में नागरिक सीमाओं पर हो रही मौतों को रोकने के लिए प्रोटेस्ट करते रहे रहे हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर पर कोई लिखित समझौता नहीं हुआ है. साल 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच गैर-लिखित समझौता हुआ जो काफी सफल समझा जाता रहा है. ये समझौता दोनों सेना के DGMO लेवल पर टेलीफोन से हुआ, जिसे आईएसआई और रॉ का समर्थन हासिल था. इसके लिए दोनों देशों के बीच कोई नियम-कायदे नहीं बनाए गए थे. इस कोशिश का बड़ा फायदा हुआ. साल 2002 में सीज़फायर उल्लंघन के 4131 मामले सामने आए थे जबकि 2004 में ये घटकर 4 पर आ पहुंचा.