यूपी कैबिनेट का फैसलाः मदरसों में हिंदी और अंग्रेजी की पढाई ज़रूरी
घर-घर पहुंचेगी ग्रीन गैस, लखनऊ-आगरा से होगी शुरुआत
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। बैठक में प्रदेश में ग्रीन गैस घर-घर पहुंचाने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ग्रीन गैस घर घर पहुंचाने की शुरुआत सबसे पहले लखनऊ और आगरा से होगी। उसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा मदरसों में अब हिंदी और अंग्रेजी भी पढाई जाएगी। साथ ही इसमें एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा। सब इंसपेक्टर और इंसपेक्टर सेवा नियमावली में भी संशोधन किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट बैठक में ग्रीन गैस घर-घर पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में ग्रीन गैस लिमिटेड द्वारा भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जिसके जरिए सस्ती और सुरक्षित खाना बनाने की गैस घर घर पहुंचाई जाएगी।
कैबिनेट ने लखनऊ स्थित यूपी आईएएस एसोसिएशन के संस्कृति स्कूल के लिए दी गई जमीन को यूपी आईएएस एसोसिएशन के बजाए संस्था की सोसायटी को देने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद इस स्कूल को सीबीएसई बोर्ड की मान्यता मिल सकेगी। इस स्कूल में ट्रांसफर होकर आने वाले आईएएस अफसरों, अन्य अफसरों, कर्मचारियों और सामान्य लोगों के बच्चे पढ़ेंगे। इसका सत्र 2017 से शुरू हो चुका है।
कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर प्राइमरी स्कूलों में बांटी जा रही किताबों के भुगतान की नियमावली को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने प्रदेश में बनने वाली नई बड़ी बिल्डिंगों को एनर्जी एफीशियंट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने बड़ी बिल्डिंगों (कमर्शियल और रेसीडेंशियल दोनों) में बिजली बचत की दृष्टि से एक ग्रीन एनर्जी नीति बनाई है जिसको यूपी सरकार ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है।