कोझिकोड़ : केरल के कोझिकोड़ में 'रहस्यमयी बुखार' के चलते बीते 18 दिनों में एक ही परिवार के तीन लोगों सहित कुल नौ मौतों के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) ने इसके पीछे 'निपाह' नाम के एक वायरस को जिम्मेदार बताया है.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने अब तक तीन मौतों की पुष्टि की है. वहीं इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने नौ लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि दो मृतक निपाह से पीड़ित पाए हैं, वहीं अन्य मृतकों के सैंपल टेस्ट के लिए भेज दिए गए हैं. जिला कलेक्टर यूवी होज़े के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स गठित की गई है.

इस घटना के बाद राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग भी बिल्कुल अलर्ट हो गया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके श्याला ने स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की. इसके बाद स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. आरएल सरिता ने इस बैठक के बाद टास्कफोर्स के गठन का फैसला किया. किसी भी इमर्जेंसी कंडिशन से निबटने के लिए इलाज की निगरानी के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की गई है.

क्या होता है निपाह वायरस?

निपाह वायरस के मामले पहली बार वर्ष 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में सामने आए थे. इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, यह वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है. यह चमगादड़ों से पहले फलों में और फिर वहां से इंसानों और जानवरों पर आक्रमण करता है. ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को पेड़ से गिरे फलों और खासकर खजूर खाने से बचने की सलाह दी जाती है.

इस वायरस से पीड़ित शख्स को सांस लेने की दिक्कत होती है और फिर दिमाग में जलन सी महसूस होती है. इसके लिए अब तक कोई वैक्सीन या उपचार नहीं ढूंढ़ा जा सका है. इसके पीड़ितों की हालत कई बार काफी गंभीर हो जाती है, जिन्हें कई बार ICU में भर्ती करना पड़ जाता है. वहीं वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है.