सुलतानपुर। कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत मोहल्ला शाहगंज पुरानी
बाजार में सैकड़ों साल पुराने बलवन्ता मन्दिर के नाम से मशहूर रामजानकी
मन्दिर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं विश्व हिन्दू परिषद स्थायी रूप
से कब्जा कर रहा है। इनके कब्जे में नपा अध्यक्ष के पति भाजपा नेता भी
परोक्ष रूप से सहयोग कर रहे है । जिसके चलते मुहल्लेवासियों में आक्रोश
देखा जा रहा है । मन्दिर के प्रबन्धक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर हो रहे
अवैध निर्माण को रोकवाने की मांग की लेकिन सत्ताधारी दल के नेताओं के
दबाव में प्रशासन ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए और नियमविरूद्ध तरीके से
अवैध निर्माण हो गया ।

मामला सत्ताधारी दल से जुड़ा हो तो वहां नियम कायदे व कानून सब ताख पर
रख दिए जाते हैं । ठीक ऐसा मामला शहर के बीचोबीच मुरारीदास की गली में
बलवन्ता मन्दिर के साथ हुआ है । मन्दिर के प्रबन्धक राम मनोहर लोहिया का
कहना है कि मन्दिर पूजापाठ एवं धार्मिक प्रयोजन के लिए होता है । जबकि
आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद ने अपना कार्यालय खोल रखा है जहां पर
राजनैतिक गतिविधियां संचालित होती हैं। मन्दिर के सामने सेहन दरवाजे पर
बने मन्दिर के चबूतरे पर साल में तमाम तरह के धार्मिक व सामाजिक
कार्यक्रम जैसे रामनवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा,
दुर्गापूजा, दुखदुरिया पूजन एवं भण्डारा इत्यादि आयोजित होते रहे हैं। यह
चबूतरा भी बलवन्ता देवी राम-जानकी मन्दिर की सम्पत्ति है, परन्तु बीते
दिनों में उक्त चबूतरे को संघ पदाधिकारियों के इशारे पर नगरपालिका परिषद
अध्यक्ष के पति अजय जायसवाल के सहयोग से अवैध रूप से बाउण्ड्री का
निर्माणा कर चबूतरे को बन्द कर दिया गया । इसकी जानकारी मन्दिर के
प्रबन्धक ने जिलाधिकारी को देकर अवैध निर्माण बन्द कराने की मांग की थी ।
लेकिन अवैध निर्माण में लगे लोगों के सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण
कोई कार्यवाही नहीं हुई । उल्टे नगर कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में
निर्माण होता रहा । उक्त निर्माण से मोहल्लेवासियों में आक्रोश भी देखा
गया लेकिन प्रशासन की एकतरफा भूमिका के चलते कोई आगे आने को तैयार नहीं
हुआ। लेकिन मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अब भाजपाई मन्दिरों को कब्जा
करने में जुट गए हैं। फिलहाल मन्दिर प्रबन्धक ने जिलाधिकारी के अलावा
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, मण्डलायुक्त,
डीआईजी, पुलिस अधीक्षक व नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र को भी
प्रार्थनापत्र भेजा है । मन्दिर प्रबन्धक का कहना है कि नियमानुसार
विनियमित क्षेत्र में बगैर मानचित्र स्वीकृत कराये किसी भी तरह का
निर्माण नहीं हो सकता । यदि मानचित्र स्वीकृत भी हुआ है तो किसने और किस
हैसियत से स्वीकृत कराया है ़? लेकिन यहां मन्दिर पर अवैध निर्माणा
प्रकरण में प्रशासनन ने अपने हाथ खड़े कर लिए, जो चर्चा का विषय बना हुआ
है।