सुल्तानपुर। राजनैतिक सामाजिक क्षेत्र में अग्रणी, सादगी और सरलता की
प्रतिमूर्ति शिक्षाविद् डॉ0 एमपी सिंह ने पांच बेसहारा मेधावी बच्चो को
आर्थिक सामाजिक और प्रेरणायुक्त व्यक्तिगत सहयोग देकर उन्हें बौद्धिक व्
शैक्षिक रूप से सबल बनाने का बीड़ा उठाया है। उनका प्रयास है कि वे
बेसहारा बच्चे भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके। उनका यह प्रयास देख मन
में यही भाव उठता है कि काश इनके जैसे जिले में और लोग होते तो न जाने
कितने बेसहारा गरीब मेधावी बच्चों का भविष्य संवर जाता ।
सुल्तानपुर के राणा प्रताप पीजी कालेज समाजशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ
एमपी सिंह वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य हैं। पूर्व
में वह काशी प्रान्त के अध्यक्ष भी रहे, डॉ0 एमपी सिंह ने बताया कि उनकी
दिली ख्वाहिश है कि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की मदद के लिए उनके हाथ
उठें और साथ ही निर्धन मेधावी छात्रों के सपनो को सच करने की मुहिम चलाते
रहें। इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए अपने परिवार के साथ मशविरा साझा
किया और जुट गए निर्धन मेधावी छात्रों के सपनों को पंख लगाने। उन्होंने
बताया कि सिंह एण्ड श्रीनिवासन ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने बेसिक
शिक्षा के स्कूलों न्याय पंचायत स्तर पर सर्वाधिक अंक पाने वाले छात्रों
की परीक्षा में पांच ऐसे बच्चो का चयन किया, जिन्होंने राष्ट्रीय
छात्रवृत्ति की परीक्षा भी उत्तीर्ण किया हो। जिनके माता पिता आर्थिक रूप
से विपन्न हों । वर्ष 2011 में उत्कर्ष छात्रावास से कक्षा-6 से शुरू हुई
उनकी यह मुहिम अब इंटरमीडिएट तक पहुंच गई है। डॉ0 एमपी सिंह ने बताया कि
वह पांचो छात्रों को इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश दिलाने के साथ ही
उन्हें शोध भी कराना चाहते है। उत्कर्ष छात्रावास के छात्र सत्यवीर ने
बताया कि उसके पिता पेशे से किसान है, वह उसकी पढाई का खर्च नहीं वहन कर
सकते थे, उत्कर्ष छात्रावास में प्रवेश ने उसके सपनो को साकार करने में
नई दिशा दी है, वही छात्र शिवांशु उपाध्याय ने कहा कि उत्कर्ष छात्रावास
में यदि उसका प्रवेश न हुआ होता तो वह अपने गांव में किसी रेस्टोरेंट पर
गिलास धोता या कहीं मजदूरी करता होता। उत्कर्ष छात्रावास ने उसके सपनो को
साकार करने और मंजिल पाने का रास्ता दिखाया है। वही शिवांशु उपाध्याय ने
कहा कि उत्कर्ष छात्रावास का उसके जीवन परिवर्तन में अहम् योगदान है, वही
सभी छात्रों का कहना है कि उच्च पदों पर जाने के बाद भी इस मुहिम को जारी
रखेंगे।