कैराना से हुकुम सिंह की बेटी को भाजपा ने बनाया उम्मीदवार
नूरपुर में लोकेन्द्र सिंह की पत्नी बनीं प्रत्याशी
लखनऊ: कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. कैराना से स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, नूरपुर से स्वर्गीय लोकेन्द्र सिंह की पत्नी अवनी सिंह को मैदान में उम्मीदवार बनाया गया है. दोनों ही प्रत्याशी 9 और 10 मई को नामांकन दाखिल कर सकती हैं. नामांकन के दौरान बीजेपी के कई बड़े नेता और मंत्रियों की तादाद अच्छी खासी रहेगी.
गौरतलब है कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा की सीट सांसद हुकुम सिंह और विधायक लोकेन्द्र सिंह के निधन से खाली हुई थी. दोनों ही जगह पर 28 मई को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 31 मई को होगी.
दोनों ही सीटों के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने संयुक्त उम्मीदवार मैदान में उतारा है. कैराना से रालोद के टिकट पर पूर्व सांसद तबस्सुम हसन मैदान में हैं तो नूरपुर में सपा से नईमुल हसन चुनावी ताल ठोक रहे हैं.
इस बीच अवनी सिंह को नूरपुर से बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने से समर्थकों में काफी जोश देखने को मिल रहा है. सपा के नईमुल हसन और अवनी सिंह के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
दरअसल, दूध का जला छांछ भी फूंक-फूंक कर पीता है. यही कारण है कि गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा सीट गंवा चुकी बीजेपी, कैराना और नुरपुर के उपचुनाव में हर फैसले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. पहले के दोनों उपचुनावों में संगठन की कमजोरी सामने आई थी, जिसके बाद इस बार पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है.
बताया जाता है बीजेपी के लगभग दो दर्जन विधायक दोनों उपचुनाव के लिए लगाए गए हैं, जिनमें से कई मंत्री भी हैं. जिले के प्रभारी मंत्रियों को भी उपचुनाव पर विशेष नजर रखने को कहा गया है. इस तरह से पार्टी और सरकार सबकी निगाहें कैराना और नुरपुर की तैयारी पर है. कहा यह भी जा रहा है कि जिन्ना विवाद का भी पार्टी इन दोनों उपचुनावों में अपने हित में फायदा उठा सकती है. बीजेपी के नेता कहते हैं कि उनकी तैयारी जोरदार है और हर बूथ पर कमल खिलेगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सोमवार को कहा था कि विपक्ष को साझा उम्मीदवार उतारना पड़ रहा है. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी कितनी मजबूत है. उन्होंने कहा था कि दोनों ही जगह बीजेपी की जीत होगी.
इस बीच उपचुनाव को लेकर संगठन तीन दौर की बैठक कर चुका है. पहली बैठक गाजियाबाद में 30 अप्रैल को हुई. वहीं, 3 मई को कैराना और 4 मई को नूरपुर में महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने मंत्रियों विधायकों और संभावित प्रत्याशियों के साथ ही स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की. हर दिन इस उपचुनाव में एक मंत्री तैयारियों को लेकर मौजूद रहता है.