मध्य प्रदेश में इस बार शिवराज नहीं होंगे सीएम चेहरा, अमित शाह ने दिया संकेत
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर तक विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन 13 साल से राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज शिवराज सिंह चौहान चुनावी चेहरा नहीं होंगे। पार्टी चेहरे की जगह इस बार संगठन के दम पर चुनाव लड़ेगी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार (04 मई) को भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में इसके संकेत दिए। शाह ने कहा कि पार्टी आगामी विधान सभा चुनाव कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता विजयाराजे सिंधिया को समर्पित होगा। बता दें कि साल 2009 और 2013 का चुनाव बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के नाम पर लड़ चुकी है और जीत भी हासिल कर चुकी है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी का पैर अंगद की तरह जमा हुआ है, जिसे कोई नहीं उखाड़ सकता।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी को हराने का दम उनमें नहीं है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में भाजपा का पैर अंगद की तरह अडिग है, जिसे कोई नहीं उखाड़ सकता। देश में कांग्रेस का हाल यह हो गया है कि राहुल बाबा को दूरबीन का उपयोग करने पर भी कांग्रेस कहीं नहीं दिखती।” कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर भी उन्होंने तंज कसा और कहा कि कांग्रेस ने कॉरपोरेट घरानों के प्रिय पात्र को अध्यक्ष बनाया है लेकिन हमारी सरकार किसानों की सरकार है। अमित शाह ने इस मौके पर कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि राज्य से कांग्रेस का जड़ उखाड़ फेकें और छिंदवाड़ा और गुणा में भी कमल खिलाएं।
बीजेपी अध्यक्ष ने चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को भी लुभाने की कोशिश की है। पार्टी ने ऐसे बुजुर्ग नेताओं को पार्टी के भीतर झगड़े निपटाने का काम सौंपा है, जो खुद हाशिए पर चल रहे थे। ऐसे बुजुर्ग नेताओं को तीन या चार जिले आवंटित किए गए हैं। ये नेता स्थानीय स्तर पर न केवल पार्टी को मजबूत करने के लिए बात करेंगे बल्कि निचले स्तर पर पार्टी में उभर रहे असंतोष या झगड़े को भी निपटाएंगे। शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की विभाजनकारी नीतियों से भी बचने और उसकी मंशा विफल करने की सलाह दी है।