2019 में सरकार बनी तो 10 दिनों में कर्जा माफ

नई ढीली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों जोर-शोर से कर्नाटक विधान सभा चुनाव के प्रचार में लगे हुए हैं। शुक्रवार (04 मई) को उन्होंने गुलबर्गा के कलगी में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगले साल यानी 2019 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो देशभर के किसानों का कर्जा 10 दिनों के अंदर माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी जी ने कर्नाटक के किसानों को एक रुपये की भी मदद नहीं की, जबकि कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक के किसानों का करीब 8000 करोड़ रुपया कर्जा माफ किया था।

राहुल ने पीएम मोदी पर दलित प्रेम का छलावा करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार जितना पैसा देशभर के दलितों-आदिवासियों पर एक साल में खर्च करती है उसका आधा अकेले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य के दलितों-आदिवासियों के कल्याण पर खर्च करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी के अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सीएम पद के उम्मीदवार बी एस येदुरप्पा को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि ये लोग चाहते हैं कि राज्य की बागडोर आरएसएस के हाथों में चली जाय। राहुल ने करप्शन के मुद्दे पर भी बीजेपी पर हमला बोला और रेड्डी ब्रदर्स पर मोदी शाह की मेहरबानी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मोदी जी और अमित शाह जी चाहते हैं कि रेड्डी ब्रदर्स और येदुरप्पा जी कर्नाटक का पैसा और संसाधन लूट लें।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी आड़े हाथों लिया और कहा कि चार साल पहले जब वो पीएम बने थे तो कहा करते थे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मगर अब वो नया नारा दे रहे हैं- ‘बेटी बचाओ बीजेपी के एमएलए से।’ राहुल ने कहा कि वो पीएम पद का बहुत सम्मान करते हैं मगर पीएम सिर्फ व्यक्तिगत हमले करते हैं। राहुल ने कहा पीएम मोदी चाहे जितने हमले कर लें लेकिन वो उन पर निजी हमले नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी जी झूठ बोलने में महारत हासिल कर चुके हैं। उन्होंने गार्डेन सिटी बेंगलुरु को गारबेज सिटी कहने पर भी पीएम मोदी की आलोचना की है और कहा है कि यह शहर देश का गौरव है। राहुल ने ट्विटर पर आंकड़ा जारी कर कहा है कि कांग्रेस राज में कर्नाटक के शहरी विकास के लिए 6570 करोड़ दिए गए थे जबकि मोदी सरकार में चार साल में मात्र 598 करोड़ दिए गए हैं।