थाली लोटा नहीं दिल लेकर जाते हैं गरीबों-दलितों के घर: मो0 ताहिर खान
सुलतानपुर। महज 28 साल की उम्र में देश की सबसे बड़ी पंचायत में जिले से
प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त करने वाले पूर्व बसपा सांसद मो0 ताहिर
खान ने भाजपाइयों द्वारा दिखाए जा रहे खोखले दलित प्रेम पर तंज कसा है ।
उन्होंने कहा कि वह दलितों व गरीबों के यहां आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए
जाते हैं न कि मीडिया की सुर्खियां बनने व फोटो खिंचवाने के लिए ।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी गरीबों व मजलूमों की लड़ाई लड़ी जाती
रहेगी । इतने पर ही पूर्व सांसद नहीं रूके । उन्होंने सांसद वरूण गांधी
पर भी तंज कसते हुए कहा कि भला कोई दो चार महीने में एक दिन आकर जिले की
समस्या कैसे हल कर सकता है । अपने सांसदी कार्यकाल का हवाला देते हुए
उन्होंने कहा कि वह हर रोज करीब चार घण्टे बैठे रहते थे सैकड़ों लोगों की
समस्याएं सुनते थे फिर भी अगले दिन भीड़ कम नहीं होती थी। वरूण गांधी 6
महीने में एक बार आकर लम्बे चैड़े भाषण देकर चले जाते हैं । इससे जनता का
भला होने वाला नहीं है।
पूर्व सांसद ताहिर खां ने बुधवार को जिले के कई स्थानों का दौरा किया ।
दोस्तपुर में एक दलित के यहां शादी समारोह में शामिल होने के बाद बन्धुआ
कलाॅ में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता मैच का शुभारम्भ किया । उन्होंने
कहा कि भाजपा सिर्फ जुमलेबाजी और लच्छेेदार भाषणों से जनता को गुमराह
करती रही है। लेकिन अब जनता इनकी कथनी और करनी को समझ गयी है । इस बार
भाजपा को लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी। पूर्व सांसद के साथ रहे
पूर्व नपा चेयरमैन सैयद मोहम्मद रहमान उर्फ मानू भाई ने भी भाजपा के दलित
प्रेम पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह कैसा दलित प्रेम है। कहने के लिए
भाजपाई नेता दलित के घर भोजन करने जा रहे हैं लेकिन उस भोजन को बनाने
वाला कारीगर बाहर से जाता है पीने के लिए बिसलेरी का पानी इस्तेमाल करते
हैं । दलित का दरवाजा अवश्य होता है लेकिन दलित केे बनाये भोजन से इन्हें
परहेज है । भाजपाई केवल दलित प्रेम का ढोंग कर रहे हैं। दलितों को इनका
दलित प्रेम भलीभांति समझ में आ गया है । मानू भाई ने कहा कि भाजपा की
मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल है। चुनाव पूर्व चैकीदार बनाने की बात कहने
वाले प्रधानमंत्री मोदी चैकीदारी नहीं कर पाए और सैरसपाटा ही करते रह गए
इधर बैंक लूटकर लुटेरे फरार हो गए। कालाधन निकालने के लिए की गयी
नोटबन्दी से कालाधन तो नहीं निकला लेकिन दो हजार की करेन्सी निकालकर
कालाधन जमा करने वालों का काम जरूर आसान कर दिया । जिसके चलते बैंक के
एटीएम से गुलाबी नोट गायब हो गए। किसान कल्याण की बात की जा रही है जबकि
किसानों की कमर टूट रही है । चार सालों में मंहगाई और बेरोजगारी बेतहाशा
बढ़ी है। दुनिया में सबसे मंहगा डीजल पेट्रोल मोदी राज में मिल रहा है ।
जिससे मंहगाई बढ़ती जा रही है । ़ऋणमाफी के नाम पर किसानों का मजाक उड़ाया
जा रहा है । चार साल के कार्यकाल में मोदी सरकार का कोई कार्य दिखाई नहीं
दिया । पहले की योजनाओं के नाम बदलकर फीते काटे जाते रहे।