अब शराबबंदी पर राजभर ने योगी के खिलाफ खोला मोर्चा
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर बगावती सुर तेज कर दिए हैं. इस बार सूबे में शराबबंदी को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला है. बलिया में बुधवार को राजभर ने सूबे में शराबबंदी को लेकर अपने ही मुख्यमंत्री से लड़ाई का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई मुख्यमंत्री से है और फैसला अमित शाह कराएंगे.
बलिया में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंत्री ने रामायण के लव-कुश कांड का उदहारण दिया. जिसमें भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को लव-कुश ने पकड़ लिया था. उन्होंने खुद को लव-कुश बताया और अमित शाह को महर्षि वाल्मीकी, जिन्होंने लव-कुश और भगवान राम में सुलह करवाई थी.
राजभर ने कहा कि 20 मई को जिले में शराबबंदी को लेकर महिलाओं का एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस आंदोलन में अगर किसी भी दल ने साथ नहीं दिया तो वे महिलाओं से 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करने की अपील करेंगे. मंत्री ने कहा, 'सदन में 16 बार शराबबंदी को लेकर आवाज उठाई, लेकिन योगी सरकार ने नहीं सुनी. मैं शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री से लड़ाई का ऐलान करता हूं.'
उन्होंने कहा वे सरकार को चेतावनी नहीं दे रहे, बल्कि उन्हें आईना दिखा रहे हैं. क्योंकि जनता की मांग है शराबबंदी. जिस भी दल ने इसका समर्थन नहीं किया 2019 में जनता से उसका बहिष्कार करने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी को भी उनकी बात माननी पड़ेगी.
राजभर ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को वाल्मीकि बताते हुए कहा कि अब वही सुलह कराएंगे. 20 तारीख को बलिया में महिलाओं द्वारा एक बड़ा आंदोलन की शुरुआत होगी जो भी दल इस आंदोलन में साथ नहीं देंगे, 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं से वोट का बहिष्कार करने की अपील करेंगे.
मंत्री ने सरकार से सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का विभाजन ही 2019 के लोकसभा इलेक्शन में जीत का ब्रह्मास्त्र साबित होगा.
राजभर ने प्रदेश में हो रहे बलात्कार के लिए पुलिस और जिला प्रशाशन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अभी कुछ अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. अगर वे अपना काम ठीक से करने लगे तो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाए संविधान में जो व्यवस्था है उससे सब कुछ ठीक हो सकता है.