नई दिल्ली: पिछले दिनों अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं बहराइच की बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी सांसद ने ​दलित के घर सहभोज कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ घर में खाना खाने से अनुसूचित जाति वर्ग का सम्मान नहीं बढ़ता है. उन्होंने कहा कि अगर भोजन ही करना है तो अनुसूचित के घर बना हुआ खाएं. उनके बर्तन में खाएं. चौके में खाना खाते तो माना भी जाता. लेकिन यहां तो बाहर से बर्तन आ रहा है. भंडारी बाहर से आता है. खाना भी दूसरे लोग ही बनाते हैं. ये तो पूरे देश के बहुजन समाज व अनुसूचित जाति का व गरीबी का अपमान है.

सावित्री बाई ने कहा कि हम भी इंसान हैं. वह मानती हैं कि अनुसूचित जाति के साथ अन्याय हो रहा है. सबको बराबर सम्मान मिले. सरकार नौकरी दे, शिक्षा दे, घर और कपड़े दे. उनका शोषण रोके. न्याय दिलाए. उन्होंने कहा​ कि लेकिन इसी सरकार में बाबा साहब की प्रतिमा तोड़ी जा रही है.

बता दें इससे पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी दलितों के साथ सामाजिक समरसता भोज में भोजन करने के इनकार कर दिया था. छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में पहुंची उमा भारती ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि वह इस समरसता भोज में भोजन नहीं करेगी. वह दलित के घर खाना खाने की जगह अपने घर पर दलितों को भोजन कराएंगी और परिवार के लोगों के जूठे बर्तन उठाएंगी.

उमा भारती ने कहा, "मैं भगवान राम नहीं कि उनके साथ भोजन करेंगे और वे पवित्र हो जाएंगे." बता दें उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री और नेता रात्रि प्रवास कर दलितों के यहां सहभोज में हिस्सा ले रहे हैं. इस दौरान कुछ नेताओं पर बाहर से खाना मंगवाकर खाने का आरोप भी लग रहा है.