भू-माफिया के ठेंगे पर योगी सरकार
उत्तर प्रदेश के बरेली का मामला, पूर्व प्रधान की जमीन पर अवैध कब्जा
जमीन बचाने के लिये मुख्यमंत्री आवास के चक्कर काट रहा पूर्व प्रधान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद भू-माफियाओं के हौंसले बुलन्द है। बेखौफ होकर न सिर्फ योगी सरकार को ठेंगा दिखा रहे है, बल्कि अवैध रूप से भूमि पर कब्जा कर उसे बेंच रहे है। मजे की बात तो यह है भू-माफियाओं के साथ सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों का अमला अप्रत्यक्ष रूप से साथ में खड़ा नजर आ रहा है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद का सामने आया है। यहां की ग्राम पंचायत सुन्हां में वर्ष 1984 से लगातार तीन बार प्रधान रह चुके नरेश पाल गुप्ता की सैकड़ों वर्गफिट जमीन को अवैध रूप से कब्जा कर भू-माफिया अनिल प्रताप सिंह राना द्वारा फर्जी तरीके से बेंची जा रही है। पीड़ित प्रधान अपनी जमीन को बचाने के लिये बरेली से लेकर लखनऊ तक एक किये हुये है, कई संबंधित आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ के सरकारी आवास में लगने वाले जनता दरबार में चार बार जाकर अपनी फरियाद लगा चुके है, लेकिन अभी तक कोई काररवाई नहीं हुई है, और उल्टे भू-माफिया ताल ठोंक कर प्रधान की जमीन पर कालोनी का नाम देकर प्लाॅटिंग कर न सिर्फ जमीनों को बेंचने का कार्य जारी रखे हुये है बल्कि पीड़ित प्रधान को धमकाने में भी बाज नहीं आ रहा है। बीते दिनों अपनी पत्नी के साथ कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार में एक बार फिर मोटी फाइल लेकर भूमाफिया के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे हुये थे, लेकिन वहीं ढांक के तीन पात न तो मुख्यमंत्री मिले और न ही कोई मंत्री बस मौजूद अधिकारियों ने काररवाई का आश्वासन देकर लौटा दिया। इससे पहले भी पूर्व प्रधान तीन बार मुख्यमंत्री आवास में लगने वाले जनता दरबार में हाजिरी लगा चुके है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बीते दिनों योगी सरकार से न्याय पाने की आस में पत्नी के साथ भटक रहे पूर्व प्रधान नरेश पाल गुप्ता ने अपने और अपने पुत्रों के नाम से बरेली की तहसील फरीदपुर में ग्राम सराय कस्बा जेडए और जेडए प्रथम में खरीद रखी थी, जिसे बीते कई वर्षों में इकतीस लोगों को जमीन बेंच दी। जिसका पूरा ब्यौरा मुख्यमंत्री को दिये गये प्रार्थनापत्र में दिया गया है, जिसमें यह भी बताया गया है कि नौ सितम्बर 2015 को प्रशासन से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने के बाद पक्की तूदाबंदी होने के बाद भी अनिल प्रताप सिंह राणा व उनके साथियों ने तूदे उखाड़ दिये और जमीन पर एक बार फिर अवैध रूप से बगैर गाटा संख्या डाले एवं बिना गाटा संख्या में दर्ज रकबे से अधिक जमीन की फर्जी बिक्री एवं अवैध निर्माण कर रहे है। भू माफिया अनिल प्रताप सिंह राणा के द्वारा जिन 31 लोगों को जमीनें बेंची है, उनके नामों के साथ रजिस्ट्री का पूरा ब्यौरा प्रार्थनापत्र में दिया गया है। यह जमीनें 14 जुलाई 2006 से लेकर 2 अगस्त 2017 के बीच बेंची गयी है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में जिस तरह भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी काररवाई के लिये कदम उठाये गये है, उससे पूर्व प्रधान नरेश पाल गुप्ता को न्याय मिलने की उम्मीद में तीन बार आॅनलाईन जनसुनवाई में आवेदन कर चुके है, जिसका आवेदन संख्या 15150170522985, 200150180049 और 40015018003527 है, इस आॅनलाईन जनसुनवाई में कोई काररवाई नहीं हुई तो वह अब तक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आवास में लगने वाले जनता दरबार में भी चार बार दस्तक दे चुके है, लेकिन अभी तक कोई काररवाई नहीं हो सकी है।