बिना सरकारी संरक्षण के अधिकारी बेलगाम नहीं हो सकते
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या के बयान पर कांग्रेस ने ली चुटकी
लखनऊ: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या द्वारा किया गया ट्वीट कि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, इस बात की स्वीकारोक्ति है कि प्रदेश सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने आज जारी बयान में कहा कि श्री केशव मौर्या को ये बातें कहने के पहले जान लेना चाहिए कि बिना सरकारी संरक्षण के अधिकारी बेलगाम नहीं हो सकते। इन काम न करने वाले अधिकारियों को किस स्तर पर संरक्षण प्राप्त है यह उपमुख्यमंत्री को भलीभांति मालूम होगा। दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि प्रदेश की जनता का क्या हाल होगा जब प्रदेश के उप मुख्यमंत्री स्वयं इस तरह का रोना रो रहे हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। विकास चौपट हो चुका है। लेकिन झूठे आंकड़ों के सहारे सरकार जनता से झूठ बोल रही है। चाहे सड़कों के गड्ढा मुक्त करने का मुद्दा हो, गेहूं खरीद हो, गन्ना मूल्य बकाये के भुगतान का हो, गरीबों को आवास उपलब्ध कराये जाने का हो आदि तमाम जनहित के मुद्दों पर सरकार फेल है और लगातार झूठ बोल रही है। चौबीस घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की बात तो दूर की कौड़ी है आठ से दस घण्टे निर्बाध बिजली किसानों को नहीं मिल पा रही है। पेयजल की समस्या से समूचे बुन्देलखण्ड में हाहाकार मचा है। नहरों में सिंचाई के लिए पानी नहीं है। मुख्यमंत्री आवास के सामने और विधानसभा के सामने पीडि़त आत्मदाह कर रहे हैं। रेप जैसे जघन्य अपराध में कार्यवाही नहीं हो रही है। समस्याओं का अम्बार लगा है और दलितों के घर भोजन करके और चौपाल लगाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री आम जनता को गुमराह कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के चार-चार सांसद उत्पीड़न और भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर विगत लगभग दो माह से लगातार भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के सहयोगी अपना दल(एस) की प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते उपवास पर बैठने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं चाहे बदायूं के विधायक द्वारा विकास न होने को लेकर पत्र लिखकर चेतावनी देने की बात हो, भ्रष्टाचार और घूसखोरी को लेकर तिन्दवारी के विधायक द्वारा एक अभियन्ता के गले में नोटों की माला डालने की बात हो, विधायक और सांसद आज अपनी ही सरकार में जनसमस्याओं और भ्रष्टाचार को लेकर धरना दे रहे हैं। इससे साफ होता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनके सहयोगी दो-दो उपमुख्यमंत्रियों एवं सरकार में बैठे लेाग पूरी तरह सरकार चलाने में विफल साबित हो रहे हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि अच्छा तो यह होगा कि श्री मौर्या निरंकुश हो चुकी अफसरशाही पर अंकुश लगायें ताकि आम जनता को न्याय मिल सके और प्रदेश में ठप पड़ा विकास शुरू हो सके।