डायरेक्ट सेलिंग के सामने जटिल चुनौती पेश कर रही हैं ई-कॉमर्स वेबसाइट्सः आईडीएसए रिपोर्ट
लखनऊ: डायरेक्ट सेलिंग सेल्स में उत्तर प्रदेश सबसे बड़े राज्य के तौर पर उभरकर सामने आया है। राज्य में देशभर के मुकाबले डायरेक्ट सेलिंग की हिस्सेदारी 7.36 प्रतिशत रही, जो उसे महाराष्ट्र (13 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (9.10 प्रतिशत), तमिल नाडु (8.83 प्रतिशत) और कर्नाटक (7.81 प्रतिशत) जैसे मार्केट लीडर्स के बराबर पर लाकर खड़ा कर रहे हैं। यह जानकारी इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के सालाना सर्वेक्षण 2016-17 में सामने आयी है। हाल ही में ईबीजी पोजिशन पेपर और आईडीएसए के सालाना सर्वे रिपोर्ट को संयुक्त रूप से जारी किया। जिसे नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने जारी किया। इस दौरान यूरोपीय संघ के राजदूत तोमास्ज कोजलोस्की भी मौजूद थे। उनके अलावा कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विशेषज्ञ और कंपनियों के कर्ता-धर्ता भी समारोह में मौजूद थे। दोनों ही पेपर कंड्युसिव बिजनेस क्लाइमेट के लिए नीतिगत सुधारों की सिफारिश कर रहे हैं।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने कैंटर आईएमआरबी के साथ भागीदारी की और विस्तृत सालाना रिपोर्ट निकाली, जो बताती है कि डायरेक्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स की बिक्री ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर होने से एक बड़ी गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। सरकार को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाना चाहिए, जिससे ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को डायरेक्ट सेलिंग गुड्स को डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की सहमति के बिना बेचने से रोका जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर भारत में, उत्तर प्रदेश की डायरेक्ट सेलिंग सेल्स में हिस्सेदारी 28 प्रतिशत रही, जिसके बाद 23.6 प्रतिशत के साथ दिल्ली का नंबर आता है। पंजाब की डायरेक्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स की सेल्स में हिस्सेदारी 15.6 प्रतिशत रही।”
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पाँच साल से इंडियन डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री 8.42 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही है। लेकिन अब इस इंडस्ट्री को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की अनुमति के बिना डायरेक्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर बेचा जा रहा है, जिससे बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। यह रिपोर्ट ईबीजी फेडरेशन (ईबीजी) द्वारा आयोजित सालाना समारोह में जारी की गई। नई दिल्ली में आयोजित इस इवेंट में ईबीजी पोजिशन पेपर के 16वें संस्करण को भी जारी किया गया।
रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, आडीएसए के चेयरमैन श्री विवेक कटोच ने कहा, “भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 2016 में डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइंस जारी कर बहुत अच्छा काम किया है। इसका सकरात्मक असर इंडस्ट्री पर दिखा है। इंडस्ट्री टर्नओवर के आंकड़े 10 हजार करोड़ रुपए को पार कर चुके हैं। लंबी अवधि बाद इंडस्ट्री ने दहाई के अंक में विकास किया है। गाइडलाइंस ने लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया है, जिससे इंडस्ट्री में डायरेक्ट सेलर्स की संख्या भी बढ़ी है। 40 लाख डायरेक्ट सेलर्स 2015-16 में थे, जो 2016-2017 में बढ़कर 51 लाख हो गए। इससे यह साफ है कि लोग डायरेक्ट सेलिंग से फुल टाइमध्पार्ट टाइम जुड़ रहे हैं और उससे अपनी आय को बढ़ा रहे हैं।”
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री आर्थिक विकास, स्व-रोजगार और महिला सशक्तिकरण के मामले में कई मौके प्रदान करता है। 2015-16 में इंडस्ट्री की कुल बिक्री 83,085 मिलियन रुपए (8,308.5 करोड़ रुपए) थी, जो 2016-17 में बढ़कर 1,03,242 मिलियन रुपए (भारतीय रूपये में 10,324.2 करोड़) हो गई। यह बढ़ोतरी 24.26 प्रतिषत रही। इसके अलावा पिछले चार वर्षों (2013-14 से 2016-17) में इंडस्ट्री का सीएजीआर 8.42ः दर्ज किया गया।
चुनौतियों के साथ, रिपोर्ट हालिया ट्रेंड्स को भी सामने लाती है, जैसे टेक्नोलॉजी का कुशल उपयोग, डिस्ट्रिब्यूशन-फ्रेंडली मार्केटिंग प्लान, नए प्रोडक्ट्स का परिचय, और सोशल मीडिया का उपयोग शामिल है। डायरेक्ट सेलिंग इकाइयां फेसबुक, वॉट्सएप इत्यादि जैसे सोशल मीडिया माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इससे उन्हें कम लागत में बड़े कस्टमर बेस तक पहुंचने में मदद मिली है।
आईडीएसए रिपोर्ट भारत में प्रत्येक क्षेत्रीय बाजार की अलग-अलग जांच करती है, ताकि भारतीय बाजार को पूरी समझा जा सके। यह भारत में काम कर रही प्रमुख कंपनियों, उनके योगदान और उनके द्वारा अपनाई गई प्रमुख रणनीतियों पर भी चर्चा करता है। कुल मिलाकर, रिपोर्ट में मार्केट ड्राइवर्स, चुनौतियों, अवसरों, भविष्य के रोडमैप, निवेश क्षमता, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, रेगुलेटरी इकोसिस्टम और विभिन्न रणनीतियां शामिल हैं।
समारोह में डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के वर्ल्ड फेडरेशन (डब्ल्यूएफडीएसए), में ग्लोबल रेगुलेटरी अफेयर्स कमेटी चेयर श्री पोंटस एंड्रियासन ने कहा, ष्वैश्विक स्तर पर, भारत की तुलना में डायरेक्ट सेलिंग अधिक स्वीकार्य इंडस्ट्री है। इस क्षेत्र को परिभाषित करने और पुष्टि करने के लिए कानून और अधिनियम तुरंत बाजार के विकास के लिए किए जाने चाहिए।