नौकरी देना अगर जुर्म है तो जेल भी चले जाएंगे: आजम खान
रामपुर: जल निगम भर्ती घोटाले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी के खिलाफ एसआईटी ने योगी सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. मामले में माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. रिपोर्ट में आजम खान के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है. साथ ही आजम खान और आसुदानी पर मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति मांगी गई है.
उधर मामले में आजम खान का कहना है कि अदालतों के फैसले उनके पक्ष में हैं लेकिन राजनेताओं का फैसला उन जैसे लोगों को प्रताड़ित करने का है. उन्होंने कहा कि नौकरियां देने के जुर्म में अगर जेल जाना पड़ता है तो जाएंगे.
आजम ने कहा कि नौकरी दी है भाई. कोई करप्शन का चार्ज नहीं है. न हमारे ऊपर और न उस वक़्त के किसी अधिकारी के ऊपर. उन्होंने कहा कि नौकरियां दीं और इस तरह की दी हैं कि हाईकोर्ट ने भी ज्वाइन कराने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपील के लिए गई, जहां अपील ख़ारिज हो गई. सपा नेता ने कहा कि अदालतों का फैसला यह है लेकिन राजनेताओं का फैसला हमारे जैसे लोगों को प्रताड़ित करने का है. आज़म खान ने कहा कि नौकरियां देने के जुर्म में अगर जेल जाना पड़ता है तो जाएंगे.
बता दें अखिलेश सरकार में आजम खान जल निगम विभाग के मंत्री थे. उस दौरान उनके विभाग में 1300 पदों पर भर्तियां हुई थीं. जानकारी के अनुसार, एसआइटी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है. आजम खान अखिलेश सरकार में जल निगम के अध्यक्ष थे. अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा है कि आजम के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों के पर्याप्त सबूत हैं. एसआईटी इंचार्ज आलोक प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. सरकार से अनुमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में 122 असिस्टेंट इंजीनियर को सरकार बर्खास्त कर चुकी है. इससे पहले 22 सितंबर को एसआईटी का जल निगम के हेडक्वार्टर्स पर छापा पड़ा था. 5 दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ हुई थी. अब तक इस मामले में 8 अफसरों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है.
सहायक अभियंता- 122, अवर अभियंता- 853, नैतिक लिपिक – 335, आशुलिपिक- 32 समेत 1300 पदों पर भर्तियां की गई थीं. भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई थी. सरकार के बजाय जला निगम के चेयरमैन के स्तर पर ही भर्ती को मंजूरी दे दी गई थी. जांच में एसआईटी को भर्ती आदेश पर आजम खान के हस्ताक्षर मिले हैं. योगी सरकार इस मामले में 122 सहायक अभियंताओं को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि भर्ती के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए गलत नियुक्तियां की गईं.
वहीं, बीजेपी की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अखिलेश के कार्यकाल में हुई हर सरकारी विभाग की भर्तियों की जांच कराएंगे. जल निगम में हुई भर्तियों की जांच बीते सितंबर महीने में एसआईटी को दी गई थी. इस मामले में अब तक पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह के बयान भी दर्ज हो चुके हैं. आईएएस एसपी सिंह अब रिटायर हो चुके हैं. वहीं आजम खान के ओएसडी रहे आफाक भी अपना बयान दर्ज करा चुके हैं.