लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश जल निगम भर्ती घोटाला को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एसआईटी ने इस मामले में चार अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। एसआईटी ने जल निगम भर्ती और राशनकार्ड घोटाला मामले में पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। इसमें आजम खान और जल निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके. आसूदानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। एसआईटी के प्रभारी आलोक प्रसाद ने कहा था कि अरोपियों के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैँ। उस वक्त राज्य के प्रमुख सचिव (गृ़ह) अरविंद कुमार ने जरूरी कदम उठाने की बात कही थी। अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान जल निगम के अध्यक्ष थे। निगम में कई पदों के लिए भर्तियां की गई थीं, जिनमें तत्कालीन सरकार पर धांधली का आरोप लगाया गया था।

जल निगम में की गई भर्तियों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की बात सामने आने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को जांच कराने का आदेश दिया था। इसके बाद एसआईटी गठित की गई थी। जल निगम में नवंबर 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी और जनवरी 2017 में उसे पूरा कर लिया गया था। इस तरह डेढ़ महीनों के अंदर ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया था। पूरी प्रक्रिया में निर्धारित प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। एसआईटी द्वारा इस मामले में रिपोर्ट सौंपने के बाद आजम खान ने पिछले महीने राज्य सरकार पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया था। बता दें कि भाजपा के सत्त में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार द्वारा की गई भर्तियों की जांच कराने की बात कही थी। सपा सरकार के दौरान राज्य लोकसेवा आयोग समेत अन्य विभागों में भर्तियां की गई थीं। यूपीसीएस के तहत की गई भर्तियों में भी अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए गए थे। छात्रों ने इसको लेकर प्रदर्शन भी किया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इससे इनकार किया था।