दहेज के खिलाफ सभी को एक साथ खड़े होने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दहेज को समाज के लिये एक अभिशाप बताते हुए इस कुरीति के खिलाफ सभी को एक साथ खड़े होने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का आह्वान करते हुये कहा कि सभी लोग एकजुट होकर इस कुरीति को नकराते हुये आगे आयें ताकि दहेज के कारण किसी पुत्री के विवाह में अड़चन न आने पाये।
मुख्यमंत्री ने आज जनपद मीरजापुर में उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित निर्माण कामगार कन्या विवाह योजना के तहत 501 पुत्रियों के सामूहिक विवाह समारोह के अवसर पर नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। इसमें मीरजापुर के 171, संतरविदास नगर के 51 तथा सोनभद्र के 279 श्रमिकों की पुत्रियां शामिल हैं। इस अवसर पर नवदम्पत्तियों के जीवन की सफलता की कामना करते हुये मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस तरह के विवाह न सिर्फ सामाजिक रूढ़ियों और जातियों के बन्धन को तोड़ंेगे, बल्कि समाज में जागरूकता भी लाएंगे। उन्होंने कहा कि जब व्यक्तिगत रूप से यह सुनते हैं कि दहेज के कारण किसी पुत्री की बारात लौट गयी अथवा उसकी शादी टूट गयी या उसे जला या मार दिया गया, तो कानून अपना काम करता ही है, लेकिन उस बिटिया की पीड़ा को मिटाया नहीं सकता। जीवनभर उसे इस अभिशाप के साथ जीना पड़ता है।
श्रम एवं सेवायोजन विभाग के कल्याण कार्यों की प्रशंसा करते हुये योगी ने कहा कि इसी तरह का आयोजन गोरखपुर में भी किया जा रहा है, जहां पर 601 जोड़ों का विवाह होना सुनिश्चित हुआ है और इसके उपरान्त 501 जोड़ों का विवाह कानपुर में होना है। यह उत्तर प्रदेश की सरकार और मजदूर के कल्याण के लिये एक बड़ी सफलता होगी। उन्होंने कहा कि किसी कार्य को मूर्त रूप देना रचनात्मक सोच है। आज मीरजापुर में 501 गरीब श्रमिकों की पुत्रियों की शादी आयोजित कर श्रम विभाग व जनपद मीरजापुर के अधिकारियों ने सराहनीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तिम पायदान पर खडे़ लोगों तक राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा। इसी क्रम में आज यह सामूहिक विवाह मूर्त रूप लेेता दिखायी दे रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा दिया गया, जो आज सार्थक होता दिख रहा है। योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचना, उसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि गरीब श्रमिक की बेटी अब दहेज के बिना प्रताड़ित नहीं होगी। उत्तर प्रदेश सरकार अभियान चलाकर इन सारी कुरीतियों को तोड़ते हुए एक स्थान पर सामूहिक विवाह कराकर पुत्रियों को विदा करने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया के माध्यम से जब सुनते थे कि दहेज के कारण बारात, घर से वापस चली गयी तो दिल दहल जाता था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने यह ठान लिया है कि किसी पुत्री के घर से बारात वापस नहीं जायेगी। बालक और बालिकाओं के साथ भेदभाव समाप्त करते हुये उन्हें सम्मानजनक ढंग से समाज के साथ आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने सभी 501 नवविवाहित जोड़ों को बधाई देते हुये उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारत सरकार एवं सांसद मीरजापुर अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी के कार्यकाल को परिवर्तन युग के रूप में देखा जा रहा है। चाहे वह किसानों की ऋण माफी योजना हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र। सभी क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा सराहनीय कार्य कर लोगों को उनका लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद मीरजापुर में बेलवन नदी पर पुल, कोटद्वार पुल तथा मेडिकल काॅलेज की स्वीकृति का निर्णय मुख्यमंत्री जी द्वारा लिया गया है। इनके माध्यम से जनपद मीरजापुर का विकास सम्भव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विकास के लिये कटिबद्ध है और आज गरीब श्रमिकों की 501 पुत्रियों की शादी विकास के पथ पर एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन विभाग मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने नवविवाहितों को बधाई देते हुये श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के लिये अनेक योजनाएं लागू की हैं, जिसमें उनके बच्चों की शादी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए मदद देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कैम्प लगाकर अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण करायें ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके।