कबीर शांति मिशन ने मनाया अपना 28वां स्थापना दिवस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज सी0एम0एस0 गोमती नगर के प्रेक्षागृह में कबीर शान्ति मिशन के 28वें स्थापना समारोह का दीप जलाकर उद्घाटन किया। समारोह में मुख्य वक्ता पद्मश्री डा0 मंसूर हसन, पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा, सिटी मान्टेसरी स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी, कबीर शान्ति मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण बिहारी अग्रवाल, संस्था के मुख्य संयोजक आर0के0 मित्तल सहित अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने इस अवसर पर एस0के0 अग्रवाल गोरखपुर को उद्योग, डा0 साबिरा हबीब को शिक्षा, देवकी नन्दन ‘शान’ को साहित्य, विजय कुमार खरे को पर्यावरण तथा डा0 गिरीश मोहन सिंघल को चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में आर0के0 मित्तल द्वारा लिखित दो पुस्तकों ‘सार्थक जीवन के सिद्धान्त’ एवं ‘स्वस्थ्य चिंतन के पथ पर’ का विमोचन भी किया गया।

श्री नाईक ने इस अवसर पर संगोष्ठी के विषय ‘सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय विकास’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को कुछ चाहिए तो कबीर चाहिए। कबीर से शान्ति मिल सकती है। संत कबीरदास ने समाज को नई रोशनी दी। भेदभाव मिटाने तथा अंधविश्वास को तोड़ने का काम किया। कबीर की रचनाएं प्रेम एकता और भाईचारे का सन्देश देती हैं और समाज का मार्गदर्शन करती हैं। उन्होने कहा कि देश और समाज के उत्थान की परिकल्पना वसुधैव कुटुम्बकम् से साकार हो सकती है।

राज्यपाल ने कबीर शान्ति मिशन के मुख्य संयोजक को कैंसर रोग पर विजय पाने की बधाई देते हुए अपनी मिसाल दी। राज्यपाल ने बताया कि उन्हें आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद आ रही है। ज्ञातव्य है कि जब श्री नाईक कैंसर रोग से स्वस्थ हो गये थे तो उनके प्रथम सार्वजनिक कार्यक्रम में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ‘आज राम भाऊ से ईष्या हो रही है। मुंबई की जनता मुझे सुनने नहीं बल्कि राम भाऊ को देखने आयी है। वे मौत के दरवाजे से लौटे हैं। बोनस में मिली जिन्दगी से समाज को लाभ दें।’ राज्यपाल ने कहा कि श्री मित्तल भी इसी सलाह पर अमल करें।

डाॅ0 मंसूर हसन ने कहा कि संगोष्ठी के शीर्षक पर विचार करने की जरूरत है। सद्भाव, रहम, क्षमा एवं सहानुभूति जीवन के मूल हैं। भारत का अपना एक सुनहरा भविष्य है। युवा पीढ़ी मानवता का पाठ पढ़ें। उन्होंने गीता और कुरान के संदेशों को उद्धृत करते हुये कहा कि अपनी आत्मा में झांककर देश को आगे बढ़ाने का माहौल बनायें।

कार्यक्रम में आर0के0 मित्तल ने स्वागत उद्बोधन देते हुये बताया कि कबीर शांति मिशन की स्थापना 1990 में तत्कालीन राज्यपाल स्व0 सत्यनारायण रेड्डी की उपस्थिति में हुई थी। उन्होंने संस्था की अन्य गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा द्वारा दिया गया।