पोक्सो एक्ट में बदलाव वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट द्वारा लाए गए पोक्सो एक्ट में बदलाव वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। देश में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को मोदी कैबिनेट ने पोक्सो एक्ट में बदलाव किए थे, जिनमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले आरोपियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद 12 साल से कम उम्र की बच्ची के बलात्कारी को मौत की सजा का कानून देश में लागू हो गया है।
एएनआई के मुताबिक, कैबिनेट की अध्यक्षता शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके आवास पर की गई थी। यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली थी। बता दें कि कठुआ गैंगरेप, उन्नाव गैंगरेप, सासाराम रेप और सूरत रेप केस के बाद देश में बलात्कारियों को फांसी देने की सजा देने की मांग जोर से उठने लगी थी। देश के कई जगहों में बच्चियों के साथ हुए जघन्य अपराधों को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए इन मामलो को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की थी।
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने भी चिट्ठी लिखकर पीएम मोदी से आग्रह किया था कि बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। इतना ही नहीं स्वाति मालिवाल ने कई दिनों तक राजघाट पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अनशन भी किया था। केंद्र सरकार द्वारा पोक्सो एक्ट में बदलाव किए जाने के बाद 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के बलात्कारियों को मौत की सजा दी जाएगी और 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ अपराध करने वालों के लिए 10 से 20 साल तक की सजा बढ़ाने का प्रावधान है। इससे पहले पॉक्सो एक्ट में रेप-गैंगरेप सरीखे जघन्य अपराधों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद थी। न्यूनतम सजा के रूप में दोषियों को सात साल की जेल की सजा सुनाई जाती थी।