लखनऊ। इंस्टीट्यूट आॅफ क्लिनिकल रिसर्च इंडिया (आईसीआरआई) नॉन मेडिकल क्षेत्र मे रोजगार की संभावनाओं को देखते हुये प्रोफेशनल्स तैयार करेगी।देश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मोदी केयर‘ के तहत आने वाली नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपीएस) के लागू होने से हजारों नॉन मेडिकल प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। सरकार के इस कदम ने बुनियादी विकास और रोज़गार की जरूरतों को स्थापित किया है ताकि प्रति परिवार दस में से चार भारतीयों को निर्धारित बीमा कैप में माध्यमिक और तृतीयात्मक हेल्थकेयर प्रदान करने की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।

इंस्टीट्यूट आॅफ क्लिनिकल रिसर्च इंडिया (आईसीआरआई) को हाल ही में ‘‘बेस्ट इंस्टीट्यूशनल इन क्लिनिकल रिसर्च एंड हेल्थ केयर‘‘ से सम्मानित किया गया है और आईसीआरआई सरकार के इस कदम को बेहतर बनाने के लिए जुटी है। आईसीआरआई क्लिनिकल रिसर्च और नाॅन मेडिकल स्टाफ को एडवांस कोर्स मुहैया कराता है। यह प्रीमियम इंस्टीट्यूट क्लिनिकल रिसर्च, फार्मा को विजिलेंस, हेल्थकेयर मैनेजमेंट, फार्मा मार्किटिंग, पब्लिक हेल्थ, हाॅस्पिटल एडमिनस्ट्रेशन के क्षेत्र में गै्रजुयट, पोस्ट गै्रजयुट से लेकर पीएचडी तक के कोर्स शामिल है। इसके साथ यह कई विशेष विषयों में एमबीए डिग्री भी प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र में आईसीआरआई प्रीमियर इंस्टीट्यूट है जो बेहतरीन पाठ्यक्रम और शानदार एकेदिमक पार्टनरशिप, सफल छात्रों को रोज़गार सुनिश्चित करता है।

इंस्टीट्यूट आॅफ क्लिनिकल रिसर्च इंडिया (आईसीआरआई) के चेयरमैन शिव रमन दुग्गल कहते है,‘‘ सरकार द्वारा नए हेल्थकेयर प्रस्तावों में कई ऐसे संभावित मूलतत्व है जिससे देश की स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ सकता है। जब ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थकेयर स्कीम के अंतगर्त आएगे तो प्रशिक्षित मेडिकल व नाॅन मेडिकल प्रोफेशनल्स की जरूरत भी बढ़ेगी। इस दिशा में आईसीआरआई क्लिनिकल रिसर्च में उत्कृष्ट प्रोफेशनल डिज़ाइन और उसे बेहतरीन तरीके से कार्यान्यित करने का इरादा रखते है ताकि भारत में क्लिनिकल रिसर्च संस्कृतिको बढ़ाने में योगदान मिलें। यह सबसे बेहतरीन मौका है कि लोग गैरपरंपरागत विशेष कोर्स, जो हम प्रदान कर रहे है, उन पर ध्यान दें जिससे उनका हेल्थकेयर इंडस्ट्री में शानदार कैरियर बन सके।‘‘

इस बारे में आगे बताते हुए शिव रमन कहते है, ‘‘ क्लिनिकल रिसर्च ऐसा क्षेत्र है जिसमें गहन ज्ञान व जानकारी के साथ विशेषज्ञता है, इसलिए जो छात्र इस प्रोफेशन में आना चाहते है, उनके कैरियर विकल्पों को ये विस्तार देता है। रिसर्च और अन्य क्लिनिकल स्टाफ की किसी भी अस्पताल में सबसे ज्यादा संख्या होती है और हम आईसीआरआई में छात्रों को विशेष पाठ्यक्रम विषयों और पढाने के तरीकों से छात्रों को तैयार किया जाता है। सही मार्ग दर्शन से छात्र असाधारण प्रोफेशनल बनता है और भारत को भी वैश्विक स्तर के मानदंडों पर खरा उतरने के लिए ऐसे हेल्थकेयर मानाकें को तैयार करने की जरूरत है।‘‘