लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक इन्काउण्टर हो चुके हैं लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं आम हो चुकी हैं। पूरे देश को शर्मसार करने वाली कठुआ, उन्नाव जैसी घटनाएं नहीं थम रही हैं। नारी के सम्मान में भाजपा मैदान मंे जैसे नारे खोखले साबित हो रहे हैं। उ0प्र0 में महिलाओं पर एक वर्ष में सर्वाधिक अपराधिक घटनाएं हुई हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने जारी बयान में कहा कि जनपद इटावा के बसरेहर ब्लाक के कैलामऊ गांव में दो सगी बहनों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गयी। दोनों बहनों के साथ चार अपराधियों द्वारा पूर्व में बलात्कार करने की कोशिश की गयी थी। थाने पर पीडि़त द्वारा एफआईआर दर्ज कराने जाने पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस द्वारा जबरन दबाव बनाकर समझौता करा दिया गया था। पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न करने के चलते अपराधियों द्वारा कल दोनों बहनों की निमर्मतापूर्वक गोली मारकर हत्या कर दी गयी। पुलिस अभी तक हत्यारों को नहीं पकड़ पायी है। इसी प्रकार जनपद एटा में 8 वर्ष की मासूम के साथ अपराधियों द्वारा दुष्कर्म के बाद निमर्मतापूर्वक हत्या कर दी गयी।

प्रवक्ता ने कहा कि कानून व्यवस्था इस कदर बदतर हो चुकी है कि अपराधी खुलेआम पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं जब जहां चाहते हैं अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और पुलिस सिर्फ असहाय होकर देखती रह जाती है। प्रदेश में अपराधियों की समानान्तर सत्ता कायम हो चुकी है। सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में इतने अपराधियों के इन्काउण्टर के बाद भी जिस प्रकार अपराधिक घटनाएं घटित हो रही हैं इससे इन इन्काउण्टर पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है कि आखिर जब अपराधियों के इन्काउण्टर को रहे हैं तो फिर अपराध क्यों नहीं थम रहा है? प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार आम जनता को सुरक्षा देने में अक्षम हो चुकी है। सुशासन का दावा करने वाली भाजपा सरकार का शासन पूरी तरह कुशासन में तब्दील हो चुका है।