लखनऊ: “उत्तर प्रदेश में दलित दमन पर उतरी है योगी सरकार”- यह बात आज एस.आर.दारापुरी ने जन मंच, स्वराज इंडिया, राष्ट्रवादी कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, वर्कर्ज़ फ्रंट, निर्माण मजदूर संघ तथा अन्य कई दलित संगठनों द्वारा डॉ. आंबेडकर प्रतिमा. हजरतगंज लखनऊ पर आयोजित धरने में कही. यह उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने प्रतिमा पर टला लगा दिया और धरना प्रतिमा के बाहर सड़क पर दिया गया. धरने पर श्री हरीश चन्द्र आईएएस (सेवा निवृत) ने योगिराज में दलितों के विरोध प्रदर्शन के लोकतान्त्रिक अधिकार का गला घोंटने का आरोप लगाया प्रो. रमेश दीक्षित प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस ने कहा कि योगी राज में दलितों पर अत्याचार निरंतर बढ़ रहे हैं. श्री राजीव ध्यानी, राष्ट्रिय उपाध्यक्ष , स्वराज इंडिया ने कहा कि हांल में २ अप्रैल को आयोजित भारत बंद के दौरान मेरठ में पुलिस द्वारा जानबूझ कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठी चार्ज करके गड़बड़ी पैदा की गयी. एक दलित विधायक को खुले आम अपमानित किया गया तथा दलित लड़कों को पकड कर थाने पर बेरहमी से पिटाई की गयी. मेरठ में १०,००० लोगों पर तथा मुज़फ्फर नगर में ५००० लोगों पर तथा सहारनपुर में भीम सेना के ७००लोगों पर मुक़दमे दर्ज किये गये हों और पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है. मेरठ में अब तक ५०० तथा मुज़फ्फरनगर में २०० गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं . योगी सरकार की यह कार्रवाही दलित दमन की प्रतीक है. मीटिंग में अन्य कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किये.

मीटिंग में लोगों ने आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ. निर्मल द्वारा योगीजी को “दलित मित्र” का सम्मान देने की निंदा की तथा इसका हर संभव तरीके से विरोध करने की बात कही. धरने पर महामहिम राज्यपाल महोदय को उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में दलितों और समाज के कमज़ोर तबकों पर जरी दमन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने हेतुएक ज्ञापन भी दिया गया.