सुल्तानपुर: जिपं अध्यक्ष कुर्सी को लेकर आया नया मोड़, आमने सामने हुए अध्यक्ष पति व बाहुबली
सुलतानपुर। जिलापंचायत अध्यक्ष कुर्सी को लेकर चल रहे घमासान के बीच शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। अध्यक्ष के पति शिवकुमार सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव देने वाले 6 सदस्यों की मुख्य विकास अधिकारी के सामने परेड करा दी । यह जानकारी बाहुबली मोनू सिंह को लगी तो वह भी लाव लश्कर के साथ जिलाधिकारी के पास पहुंच गये और उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए उनसे फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की। जिलाधिकारी से मुलाकात के बाद बीजेपी समर्थित मोनू और नपा अध्यक्ष पति अजय जायसवाल ने प्रशासन पर एकतरफा रवैया अपनाये जाने का आरोप लगाया।
बताते चलें कि पिछले 24 मार्च को जिलापंचायत के 28 सदस्यों ने नपा चेयरमैन के पति भाजपा नेता अजय जायसवाल के नेतृत्व में जिला पंचायतय अध्यक्ष ऊषा सिंह को हटाने के लिए शपथपत्र दिया था। जिस पर डीएम संगीता सिंह ने कोई तिथि नहीं घोषित किया था । इस बीच दोनों पक्ष से सदस्यों के अपहरण और मारपीट के गम्भीर आरोप-प्रत्यारोप पुलिस तक पहुंचे थे। शुक्रवार को इस घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया। जिलापंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के पति जिलापंचायत सदस्य अखिलेश तिवारी के साथ अजय जायसवाल के पक्ष में शपथपत्र देने वाले सदस्यों में से श्यामबहादुर पाण्डेय, शारदा शुक्ल, रेनू शुक्ला, सरोज उपाध्याय, प्रतिमा वर्मा, मधु निशा को लेकर मुख्य विकास अधिकारी के पास पहुंच गये । इन सदस्यों ने शपथपत्र के साथ कहा कि 24 मार्च को उन्होंने कोई शपथपत्र नहीं दिया है । इस घटनाक्रम से जिले के राजनैतिक गलियारे में भूचाल आ गया । देर शाम अजय जायसवाल और बाहुबली मोनू सिंह ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए फ्लोर टेस्ट कराये जाने की मांग किया । डीएम से मिलने के बाद अजय जायसवाल ने कहा कि जिन 6 सदस्यों ने शपथपत्र आज सौंपा है उसका कोई औचित्य नहीं है । जिलापंचायत के एक्ट में यह साफ है कि बिना फ्लोर टेस्ट के निर्णय नहीं लिया जा सकता है ।
सामंतवादियों से हमेशा लड़ता रहूंगा-शिवकुमार सिंह
मुख्य विकास अधिकारी से मिलने के बाद शिवकुमार सिंह ने कहा कि उनकी लड़ाई सामंतवादियों से चलती रहेगी । वह विकास के लिए तत्पर रहेंगे। अविश्वास प्रकरण में कोई उनके सामने टिक नहीं पाएगा।
निष्पक्ष कार्यवाही से पुलिस कर रही परहेज- मोनू सिंह
बाहुबली मोनू सिंह ने कहा कि उनके सदस्यों का अपहरण किया जा रहा है । इस पर पुलिस मौन है । वह आगे की रणनीति न बना पायें इसके लिए पुलिस उन्हें झूठा मुकदमा लगाकर फंसाना चाहती है। बीती रात उनके साथ पुलिस लगा दी गयी और अनायास ही उनके वाहनों की तलाशी ली गयी। पुख्ता सबूत होने के बावजूद भी पुलिस शिवकुमार और उनके गुर्गों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है ।
न्याय न मिला तो लिया जाएगा कोर्ट का सहारा
अविश्वास प्रस्ताव लाने की अगुवाई कर रहे अजय जायसवाल का कहना है कि मोनू सिंह खाटी भाजपाई हैं । बावजूद इसके कुछ तथाकथित भाजपा नेता चन्द लालच में इनका विरोध कर रहे हैं। जिला प्रशासन आंख मूंदकर कार्यवाही कर रहा है । उन्होंने आरोप लगाया कि शिवकुमार सिंह दलबदलू नेता हैं । जिनकी वजह से भाजपा की छवि बदनाम हो रही है । जिलाप्रशासन ने जल्द ही निर्णय नहीं लिया तो वह फिर से हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे ।