लखनऊ; उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार अपनी ही कैबिनेट के निर्णयों को लागू कराने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी सरकार में लगातार कैबिनेट की बैठकें बुलाई जाती हैं. निर्णय लिये जाते हैं और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है. लेकिन उन निर्णयों को अमलीजामा पहनाने में पूरी तरह उदासीनता बरती जाती है. यही कारण है कि आज तक जितने भी कैबिनेट बैठकों में निर्णय लिये गये हैं, उनमें से लगभग 70 प्रतिशत से भी अधिक निर्णय धरातल पर नहीं आ सके हैं.

अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि एक महीने पहले कैबिनेट बैठक में प्रदेश में शत-प्रतिशत गेहूं क्रय केन्द्र खोले जाने का निर्णय लिया गया था. जोर-शोर से प्रचार किया गया कि 2 अप्रैल, 2018 से प्रदेश के सभी जिलों में क्रय केन्द्र खोलकर किसानों का सारा गेहूं खरीदा जायेगा. लेकिन अभी तक लगभग एक तिहाई जिलों में ही क्रय केन्द्र खोलने की कवायद शुरू हो पायी है. यही नहीं योगी सरकार का बहुप्रचारित पहली कैबिनेट का पहला फैसला किसानों की कर्जमाफी का निर्णय हवाहवाई साबित हुआ है. उसकी सच्चाई प्रदेश की जनता जान चुकी है. जिन चुनिन्दा किसानेां के कर्जमाफ भी हुए, उसमें से तमाम किसानों के खातों से की गई कर्जमाफी का पैसा फिर से बैंकों द्वारा किसानों को बगैर सूचना दिये रिकवर कर लिया गया.

इसी प्रकार कैबिनेट के अन्य फैसले चाहे वह स्कूली बच्चों की कापी-किताब, यूनीफार्म, जूते, स्कूल बैग के वितरण का हो, प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का हो, 24 घंटे बिजली आपूर्ति का हो, किसानों के आलू व धान की खरीद हो, गन्ना किसानों के समयबद्ध बकाये भुगतान का हो, यह सभी कैबिनेट के निर्णय क्रियान्वित नहीं हो सके.

प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार कोई भी निर्णय बिना किसी भौतिक सत्यापन या जमीनी हकीकत जाने बिना ही हवा में लेने के लिए जानी जायेगी. अभी तक कैबिनेट के निर्णयों को अधिकारियों की उदासीनता के चलते लागू न हो पाने की बात सामने आती थी लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि योगी सरकार अपने ही कैबिनेट के निर्णयों को लागू कराने की दृढ़इच्छा शक्ति नहीं है. वह आम जनता और किसानों के प्रति कतई गम्भीर नहीं है.