सुल्तानपुर: राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद सैनिक का अन्तिम संस्कार
शहीद की अन्तिम यात्रा में लगे ‘पाकिस्तान-मुर्दाबाद’ के नारे
सुलतानपुर। जम्मू कश्मीर के पोशिया में आतंकी हमले में रविवार को शहीद
हुए जिले के वीर सपूत निलेश सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह 8.30 बजे
उनके पैतृक गांव नगरी पहुंचा। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही माहौल गमगीन हो
गया । शहीद का शव पहुंचते ही उसके अन्तिम दर्शन के लिए खड़े लोगों ने
हिंदुस्तान जिंदाबाद-पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाये। लेकिन कुछ देर
बाद ही वहां मौजूद भीड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बगैर आये अन्तिम
संस्कार करने से मना कर दिया ।
अखण्डनगर थाना क्षेत्र का नगरी गांव मंगलवार को सेना के सायरन और लोगों
के नारों से गूंज उठा। गांव का जांबाज शेर निलेश सिंह रविवार को कश्मीर
में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया था। सुबह करीब 8.30 बजे
शहीद निलेश सिंह का शव सेना के जवान लेकर पैतृक गांव पहुंचे तो लोगों ने
हिंदुस्तान जिंदाबाद, वंदे मातरम, इंडियन आर्मी जिंदाबाद और शहीद निलेश
सिंह अमर रहे के नारे लगाये। वहीं शहीद का शव जब घर पर पहुंचा तो पत्नी
अर्चना बेहाल हो गई, बेटे की आंख से आंसू बह निकले। कुछ देर के बाद जब
पुष्प वर्षा के बीच शहीद की शव यात्रा निकली तो लोगों ने सीएम योगी
आदित्यनाथ की आने की मांग रखी। प्रशासन की ओर से आवाज दबाने की कोशिश हुई
तो भीड़ ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद, एसपी-डीएम मुर्दाबाद, प्रभारी मंत्री
मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरु कर दिया। इस पर प्रशासन के हाथ पांव फूल
गये।
करीब आधा घंटे तक गम और गुस्से का माहौल रहा । शहीद के अन्तिम संस्कार
में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने पहुंचे जिले के प्रभारी
मंत्री जेपी सिंह जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने लोगों को समझाते हुए
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का शोक संदेश लोगों को सुनाया। प्रभारी मंत्री
जेेपी सिंह ने बताया कि सोमवार को ही शहीद की पत्नी के एकाउंट में 20 लाख
की सहायता राशि भेज दी गई है साथ ही मंत्री ने शहीद के पिता को पांच लाख
रुपये का चेक भी सौंपा। उन्होंने बताया कि शहीद के छोटे भाई को नौकरी,
पत्नी का ट्रांसफर, एक स्टेडियम, एक गेट और स्मारक सरकार की ओर से दिया
जायेगा। इसके बाद मंत्री, डीएम और एसपी ने शहीद निलेश को पुष्प अर्पित कर
श्रद्धांजलि दिया।
शहीद की चिता को बेटे ने दी मुखाग्नि
करीब 10.30 बजे शहीद निलेश का तिरंगे में लिपटा हुआ पार्थिव शरीर अंतिम
यात्रा के लिये उठाया गया। हजारो की भीड़ ने शहीद को कांधा दिया और करीब
11.30 बजे बेटे 12वर्षीय बेटे यथार्थ ने पिता की चिता को मुखाग्नि दिया।
देवलपुर की अर्चना सिंह से 2006 में हुआ था शहीद का विवाह
शहीद नीलेश सिंह का जन्म नगरी ग्राम पंचायत निवासी साधारण किसान राम
प्रसाद सिंह के बड़े पुत्र के रूप में सन 1987 में हुआ था। शहीद के अंदर
छात्र जीवन से ही राष्ट्र सेवा का भाव जागृत हो चुका था। हाईस्कूल की
परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सन 2003 में पहले ही प्रयास में मातृभूमि
की सेवा हेतु सेना में चयनित हो गया। देश सेवा के तीन वर्ष बाद 2006 में
नीलेश सिंह जिले के देवलपुर की अर्चना सिंह से परिणय सूत्र में बंध गए।
साधारण गृहस्थ परिवार में जन्मे नीलेश कुमार सिंह के पिता रामप्रसाद सिंह
व माता ऊषा सिंह निलेश की पत्नी और उसके दो बच्चों यथार्थ और 14 महीने के
शिवाय के साथ रहते हैं। निलेश की पत्नी गोंडा के परसपुर में टीचर हैं।
बेटे ने कहा-पाकिस्तान से बदला लूंगा
रविवार को जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए ग्रेनेडियर निलेश सिंह का बड़ा बेटा
यथार्थ (12) शहीद पिता के पदचिह्नों पर चलने की बात कहकर हर किसी को
सोचने पर मजबूर कर गया। सोमवार को देशभक्ति से लबरेज बेटे ने कहा कि मेरे
पिताजी मरे नहीं वे शहीद हुए हैं। मैं भी बड़ा होकर सेना में जाऊंगा और
पाकिस्तान से अपने पिता का बदला जरूर लूंगा। बेटे की बातें सुनकर लोगों
की आंखें नम हो गयी ।
डीएम एसपी के प्रति ग्रामीणों में दिखा आक्रोश-
जिले के जांबाज शेर की शहादत रविवार को हो गयी । लेकिन जिले के डीएम
एसपी मंगलवार को प्रभारी मंत्री के साथ औपचारिकता निभाने पहुंचे । जिसके
कारण डीएम एसपी को भीड़ के आक्रोश का सामना करना पड़ा । भीड़ ने डीएम
एसपी-मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपने गुस्से का इजहार किया । हालांकि
प्रभारी मंत्री लोगों को समझा बुझाकर उनका गुस्सा शान्त कराने में सफल
हुए ।