sultanpur: खरीद-फरोख्त के लिए ढूंढ़े नहीं मिल रहे अविश्वास लाने वाले सदस्य
अध्यक्ष समर्थक अपहरण के लगा रहे आरोप, वायरल हुए आडियो से चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मिले सबूत
सुलतानपुर। जिलापंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के विरूद्ध जिलापंचायत के 28
सदस्यों द्वारा दिये गये अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस से भले ही भारतीय
जनता पार्टी ने किनारा कर लिया है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस देने
वाले सदस्यों को खरीद फरोख्त के जरिए पुनः पाले में लाने की कोशिशें भी
तेज हो गयी है । इस सम्बन्ध में अध्यक्ष के समर्थकों द्वारा चुनाव के समय
दी गयी धनराशि वापस करने के सम्बन्ध में महिला सदस्य को दी गयी अपरोक्ष
धमकी का आडियो वीडियो भी वायरल हो गया है । कुर्सी बचाने और कुर्सी से
हटाने के सम्बन्ध में तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर दोनों धड़ों
द्वारा लगाये जा रहे हैं ।
बताते चलें कि जिलापंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के विरूद्ध भारतीय जनता
पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय जायसवाल के पैड पर 46 सदस्यीय जिलापंचायत के
28 सदस्यों ने हस्ताक्षर कर बीते 24 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव की
नोटिस जिलाधिकारी को दी गयी थी । उसी दिन शाम को प्रभारी मंत्री एवं
भाजपा विधायक द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस को पार्टी प्रायोजित
मानने से इन्कार करते हुए किनारा कर लिया गया था। लेकिन समाजवादी का चोला
उतारकर भाजपा का दामन थामने वाले जिलापंचायत अध्यक्ष के पति शिवकुमार
सिंह अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए राजनैतिक दांवपेंच अपना रहे हैं ।
अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की खोजबीन भी तेज कर
दी गयी है लेकिन सदस्य फरार बताये जा रहे है। उधर सदस्यों के परिजनों पर
दबाव डालकर सदस्यों के अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराने का सिलसिला शुरू
हो गया है । लम्भुआ तहसील की एक सदस्य मीना सिंघानिया के परिवारवालों के
तरफ से अपहरण की रिपोर्ट लम्भुआ थाने में दर्ज करायी गयी है । जिसके बाद
मीना सिंहानिया को फोन पर चुनाव के समय लिए गए पैसे वापस करने की टेलीफोन
वार्ता का आडियो भी वायरल हो गया है । वायरल आडियो से यही प्रतीत होता है
कि जिलापंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी खरीद-फरोख्त की बड़ी भूमिका रही है
। उधर बागी सदस्यों के अगुवा अजय जायसवाल का कहना है कि विरोधी खेमे
द्वारा लगाये जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार हैं। सदस्य मीना सिंहानियां
ने लम्भुआ सीओ व कोतवाल को फोन से सूचित कर दिया है कि उसका किसी ने
अपहरण नहीं किया है । अजय जायसवाल का कहना है कि 28 सदस्यों ने शपथपत्र
दिये हैं और जिलाधिकारी को दिए प्रार्थनापत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं ।
अब जिलाधिकारी को निर्णय लेना है कि अविश्वास की नोटिस पर चर्चा व मतदान
कब कराती हैं।
बागी सदस्यों ने की 9 की बैठक स्थगित करने की मांग
बागी सदस्यों के अगुवा अजय जायसवाल ने कहा कि 9 अप्रैल को जिलापंचायत की
बजट बैठक आहूत की गयी है । जिसे स्थगित करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र
लिखा गया लेकिन जिलाधिकारी का कहना है कि बैठक स्थगित करना उनके अधिकार
में नहीं है । इसलिए मण्डलायुक्त को पत्र लिखकर बगैर अविश्वास प्रस्ताव
पर चर्चा व मतदान कराये बजट बैठक स्थगित करने की मांग की गयी है।
प्रेसवार्ता कर भाजपा नेता ने खोले कई राज
सदस्यों के अपहरण की चर्चाओं एवं रस्साकशी के बीच जिलापंचायत के बागी
धड़े का नेतृत्व कर रहे जिलापंचायत सदस्य अजय जायसवाल ने एक प्रेसवार्ता
में खुलासा किया कि अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाली
महिला जिलापंचायत सदस्य मीना सिंहानिया का अपहरण अध्यक्ष पति द्वारा ही
करवाया गया था । वायरल वीडियो में नेहरू इन्क्लेव की बातें और झूले पर
झूलते हुए मीना सिंहानिया के वायरल वीडियो यह साबित करने के लिए काफी है
। अध्यक्ष पति का घर भी नेहरू इन्क्लेव में है । वहां से बचकर जब मीना
निकल भागी तो उन्होंने लम्भुआ थाने को फोन कर सच्चाई से अवगत कराया ।
भरोसेमन्द सूत्रों का कहना है कि लम्भुआ थाने में दर्ज अपहरण के मामले के
आरोपियों को जेल भेजने के लिए सत्तापक्ष के माननीयों द्वारा दबाव बनाया
गया था । लेकिन मामला झूठा पाए जाने के बाद अपहरण की घटना से पर्दा उठ
गया है ।