पटना: रामनवमी के बाद बिहार के कई जिलों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की चिंगारी अब नवादा पहुंच गई है। शुक्रवार सुबह नवादा से हिंसक बवाल की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि नवादा बाईपास के पास एक धार्मिक स्थल में तोड़-फोड़ की गई। जिससे लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर बवाल किया। इस दौरान कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया है और कई वाहनों में तोड़-फोड़ की गई है। बवाल की सूचना पर पहुंची पुलिस को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। फिलहाल पुलिस और प्रशासन के कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इलाके के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। स्थिति को संभालने के लिए घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।

बता दें कि रामनवमी के बाद से बिहार के भागलपुर, औरंगाबाद, समस्तीपुर, नालंदा और मुंगेर इलाके सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहे हैं। सभी जगह हालात तनावपूर्ण हैं। अब नवादा की हिंसा ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि नवादा से सांसद भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह है। बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत बीते सोमवार को हुई थी। दरअसल बिहार के औरंगाबाद शहर के जामा मस्जिद इलाके से रामनवमी का जुलूस निकल रहा था। जुलूस के दौरान लोग हाथों में लाठी डंडे लिए डीजे पर नाच रहे थे। तभी कथित तौर पर जुलूस पर पथराव हुआ और देखते ही देखते हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में कई दुकानों में आग लगा दी गई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर और आंसू गैस के गोले छोड़कर बेकाबू भीड़ को नियंत्रित किया।

औरंगाबाद की हिंसा समस्तीपुर, नालंदा होते हुए मुंगेर तक पहुंच गई। औरंगाबाद में जहां फायरिंग हुई, वहीं नालंदा में उपद्रवियों ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। पुलिस प्रशासन ने सभी जगहों पर काबू पा लिया है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अब नवादा में भी सांप्रदायिकता की आग फैल गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि कुछ लोग माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे। उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी साफ कहा कि प्रशासन के बताए रुट पर ही जुलूस और विसर्जन यात्राएं निकाली जाएं और भड़काऊ गाने ना बजाएं। लेकिन लोग सरकार की अपील को नजरअंदाज कर रहे हैं।