लखनऊ: देश की प्रमुख सामान्य बीमा कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने उत्तरप्रदेश राज्य में मोटर थर्ड पार्टी के दावों में धोखाधड़ी/कदाचारों के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए पहल की है। कंपनी का उद्देश्य ऐसे अनाचार कृत्यों की रोकथाम करना है क्योंकि वे अंततः वास्तविक पाॅलिसीधारकों के हितों को प्रभावित करते हैं।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड बीमा से संबंधित कदाचारों का पता लगाने और उनके उन्मूलन का निरंतर प्रयास कर रहा है। हाल ही एक घटना में, कंपनी ने तीसरे पक्ष के दावों में हेरफेर की घटनाओं पर गौर किया और इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की गई। कंपनी विशेषज्ञ पेशेवरों, नवीनतम तकनीकों और फोरेंसिक की सेवाओं का उपयोग कर रही है और दुर्घटना स्थलों, आपराधिक मामले के रिकॉर्ड, गवाहों के अस्पताल रिकॉर्ड, गवाह सहित तथ्यों और घटनाआंे को सत्यापित करने के लिए प्रौद्योगिकी की सहायता से दुर्घटनाओं का रीक्रिएशन भी करती है, ताकि बीमाकर्ताओं और संबंधित संस्थाओं, दावेदारों, ड्राइवरों और अन्य लोगों द्वारा प्रस्तुत दावों को सत्यापित किया जा सके।

पिछले पांच वर्षों में इस तरह की घटनाओं की जांच के दौरान, कम्पनी ने दावेदारों और/या उनके द्वारा अपनाए गए कदाचार का पता लगाया है। इनमें चालक इम्प्लांट, वाहन इम्प्लांट, मुख्य दस्तावेजों (जैसे कि उपचार पत्र, विकलांगता प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट आदि) में फर्जीवाडा करने जैसी कोशिशों का पता लगाया गया। ऐसा क्लेम हासिल करने के लिए या क्लेम को बढा-चढा कर हासिल करने के लिहाज से किया गया था। क्लेम से जुडे फर्जीवाडे में झूठे चश्मदीद गवाहों को पेश करना, सड़क दुर्घटना की मौत या चोटों के कारण मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के सम्मुख क्लेम पेश करना शामिल है। ऐसे कदाचार को कम करने के लिए कंपनी ने कई उपायों को अपनाया है-

  • इनफाॅर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (आईआईबी) डाटाबेस के माध्यम से किसी विशेष दुर्घटना के लिए दावा रिपोर्टिंग की जांच सहित बीमित वाहन के दावे इतिहास की परीक्षा।

-आइआईबी प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरे देश में आरटीओ के डाटाबेस तक पहुंच।

-ड्राइवरों, वाहनों, दावेदारों और दुर्घटनाओं के सामान्य स्थानों (भू-मानचित्रण के माध्यम से) सहित दुर्घटनाओं के रेकरिंग एलिमेंट्स के एक डेटाबेस की तैयारी

-संदिग्ध धोखाधड़ी और कदाचार के महत्वपूर्ण ट्रिगर के आधार पर मोटर तीसरे पक्ष के दावों की गहन जांच/शोध।

-बीमा कंपनियों के बीच अभ्यस्त अपराधियों के बारे में जानकारी साझा करना।

  • क्लेम ट्रिब्यूनल और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से पहले उपयुक्त कार्रवाई की शुरूआत के माध्यम से अंधाधुंध कानूनी कार्रवाई।

कंपनी को तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम, राजस्थान और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी इसी तरह के भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करना पडा है। इस तरह के कदाचार के कारण दावे संबंधी खर्च में बढोतरी हो जाती है और इस कारण वाहन बीमा के प्रीमियम में वृद्धि हो जाती है, जिसका खामियाजा वास्तविक पाॅलिसीधारकों को भुगतना पडता है। ऐसे मामलों में यह सुनिश्चित करना भी जरूरी हो जाता है कि सडक दुर्घटनाओं के पीडित और उनके आश्रितों को दावा संबंधी मुआवजे का भुगतान किया जा सके। इसी क्रम में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड यह सुनिश्चित करता है कि मोटर थर्ड पार्टी दावों की अच्छी तरह जांच की जाए और किसी भी किस्म के कदाचार की सूचना मिलने पर उपयुक्त प्रवर्तन एजेंसियों को सूचना दी जाए।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के चीफ लीगल एंड प्रिंसीपल कम्प्लायान्स आॅफिसर श्री लोकनाथ कर कहते हैं- ‘‘ आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा करना हम अपनी जिम्मेदारी मानते हैं। दावों संबंधी मामलों में फर्जीवाडे के कारण वास्तविक ग्राहकों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पडता है। इस तरह की कोशिशों को रोकने के लिए हमने पिछले 5 वर्षों में मजबूत कदम उठाए हैं। इस दिशा में हमें उत्तरप्रदेश प्रशासन, पुलिस और न्यायिक अधिकारियों का भी पूरा सहयोग मिलता रहा है, जिन्होंने कदाचार के ऐसे मामलों की पहचान करने और उनकी रोकथाम करने के हमारे प्रयासों को सपोर्ट किया है।‘‘ उन्होंने आगे कहा- ‘‘ गैर-जीवन बीमा उद्योग के लिए यह अनिवार्य है कि वह ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस तरह के भ्रष्टाचार के बारे में जागरूकता फैलाए और यह सुनिश्चित करे कि वास्तविक उपभोक्ता इसका शिकार नहीं हो। ‘‘