नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रियों ने ऐसा बयान दिया है, जिससे 2019 की राह भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने जहां भारतीय जनता पार्टी को दलित विरोधी और मुस्लिम विरोधी की परिभाषा में गढ़कर उसे बाहर निकलने की बात कही है, वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अगर सपा और बसपा एकसाथ हुए तो एनडीए को 22-23 सीटों का नुकसान हो सकता है।

रामदास अठावले ने शुक्रवार (30 मार्च) को लखनऊ में कहा कि दलितों के हितों की रक्षा के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मायावती राजग के साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, तो यहां की सभी सीटें एनडीए जीत जाएगी। अठावले ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा और सहयोगी दलों को 50 से अधिक और सपा-बसपा गठबंधन को 25-30 सीटें मिल सकती हैं।” यानी बीजेपी गठबंधन को 22-23 सीटों का नुकसान हो सकता है।

इसका आधार पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “ऐसा उनका मानना है।” उन्होंने कहा, “भाजपा यदि कहती है कि वह अकेले ही 80 सीटें जीत जाएगी तो ऐसा उसका अपना मत हो सकता है, लेकिन मेरे हिसाब से उसे 50 प्लस सीटें मिल सकती हैं, लेकिन यदि मायावती साथ आ जाएं तो ज्यादा सीटें जीत सकते हैं।” उन्होंने कहा, “अगर मायावती राजग के साथ आ जाएं तो हम, रामविलास पासवान और मायावती भाजपा से ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल कर सकते हैं और उस सूरत में उत्तर प्रदेश में भाजपा और सहयोगी दलों को पूरी 80 सीटें मिल सकती हैं।”