नई दिल्ली: देश में बैंक फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। इस बार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (IDBI) को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। बैंक ने बुधवार (28 मार्च) को बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की पांच शाखाओं से फर्जी तरीके से 772 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। करोड़ों रुपये के घोटाले की जानकारी सामने आते ही IDBI का शेयर 3.5 फीसद तक लुढ़क गया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। इसको लेकर सीबीआई में पांच शिकायतें दी गईं, जिनमें से जांच एजेंसी ने बशीरबाग और गुंटूर से जुड़े मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली है। पंजाब नेशनल बैंक में 13,600 करोड़ रुपये के हुए घोटाले की तर्ज पर इस मामले में भी IDBI के दो अधिकारियों का नाम सामने आया है। एक आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि दूसरा सेवानिवृत्‍त हो चुका है। बता दें कि PNB में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने फर्जी तरीके से हजारों करोड़ रुपये मूल्‍य का लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करा लिया था।

मछली पालन के नाम पर लिया था कर्ज:

IDBI ने माना कि कर्ज मंजूर करने और उसे जारी करने के मामले में दो बैंक कर्मचारियों ने चार बड़ी गलतियां की थीं। बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कुछ कर्ज वर्ष 2009 से 2013 के बीच दिए गए थे। ये लोन मछली पालन के नाम पर लिए गए थे। कर्जदारों ने सिर्फ कागजों पर ही तालाब दिखा कर करोड़ों रुपये का लोन मंजूर करा लिया था। इसके अलावा कोलेटरल (कर्ज के एवज में रखी गई संपत्त्‍िा) की कीमत भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश की गई थी, ताकि ज्‍यादा कर्ज मिल सके। IDBI में लोन घोटाले का मामला ऐसे समय सामने आया है जब बैंक अधिकारियों ने मंगलवार (27 मार्च) को क्‍वालिटी एश्‍योरेंस ऑडिट (क्‍यूएए) कराने की घोषणा की थी। ऑडिट का काम अप्रैल में समाप्‍त होने की उम्‍मीद है।