डेटा लीक की जांच के लिए चुनाव आयोग ने बनाई कमेटी
नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक विधान सभा चुनाव की तारीखों का एलान से पहले ही बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय द्वारा सटीक तारीख ट्वीट किए जाने को मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने गंभीरता से लिया है और इसकी जांच के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है। कमेटी को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी को मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह जांच का जिम्मा सौंपा है कि चुनाव की तारीख कैसे लीक हुई? बता दें कि आज (27 मार्च को) सुबह करीब 11 बजे अमित मालवीय ने ट्वीट किया था कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे और नतीजे 18 मई को आएंगे। जब मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में करीब 11.15 बजे के आसपास कर्नाटक चुनाव की तारीखों का एलान किया तो अमित मालवीय की बात सही निकली। हालांकि, मतगणना की तारीख में अंतर था। आयोग ने मतगणना की तारीख 15 मई तय की है।
जब मीडियाकर्मियों ने इस बावत मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछा तो उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों को कड़ी कार्रवाई की बात कही। आरोपों से घिरा देख अमित मालवीय ने ट्वीट डिलीट कर दिया। बाद में उन्होंने चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण का पत्र भी लिखा लेकिन आयोग उनके जवाब से खुश नहीं है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में मालवीय ने बताया कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट देखने के बाद ही चुनाव की तारीख के बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने आयोग के संवैधानिक अधिकारों के प्रति आस्था भी जताई है। अमित मालवीय ने लिखा, ‘मैंने कर्नाटक चुनाव की संभावित तिथि को लेकर जो ट्वीट किया था उसको लेकर कुछ शंकाएं पैदा हो गई हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरी सूचना का स्रोत नेशनल टीवी चैनल ‘टाइम्स नाउ’ पर दिखाई गई रिपोर्ट थी। चैनल ने सुबह 11.08 बजे (27 मार्च) न्यूजब्रेक के तौर पर तिथियों के बारे में बताया था।’