स्वच्छता मिशन ग्रामीण महिलाओं के लिए बना रोजगार का साधन
सुल्तानपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता मिशन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं
के लिए अब रोजगार का साधन बन गया है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में
संक्रामक रोगों से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की
किशोरी सुरक्षा योजना के तहत अब कालेजों में पढ़ रही छात्राओं को मुफ्त
में नैपकिन दिए जा रहे है। इनका उत्पादन सुल्तानपुर जिले के पंचायत
उद्योग अकारीपुर में किया जा रहा है। समूह की महिलाओं के सहयोग से प्रति
माह 10 हजार नैपकिन का निर्माण किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में
महिलाओं को रोजगार मिला है।
यह योजना केंद्र सरकार व राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। कोयम्बटूर से
पंचायती विभाग ने नैपकिन बनाने वाली मशीनो से नैपकिन का उत्पादन शुरू कर
दिया गया है। पंचायती विभाग यह नैपकिन स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराएगा।
वहां से स्कूल-कालेजों में छात्राओं को जरुरत के हिसाब से बांटे जाएंगे।
शहरी व ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को छह पैड 15 रुपये में मिलेंगे। यह
बाजार में भी जाएंगे। पंचायत उद्योग अकारीपुर में स्वयं सहायता समूह की
प्रशिक्षिका संजू ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के ग्रामीण स्वच्छता
मिशन अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छ रहने व्
संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए सरकार ने सस्ते दरो पर सिनेट्री
नैपकिन उपलब्ध करा रही है।
जिला पंचायत राज अधिकारी सर्वेश पाण्डेय ने बताया कि सुल्तानपुर में
ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दिलाने, स्वच्छ रखने व् संक्रामक बीमारियों से
बचाव के उठाया गया सरकार का यह कदम सराहनीय है। उन्होंने बताया कि नैपकिन
के सप्लाई स्कूलों व् आंगनवाड़ी केन्द्र व् आशाबहुओ ए एन एम् के माध्यम से
भी कराया जा रहा है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग व् शिक्षा विभाग को बड़े
स्तर पर नैपकिन की आपूर्ति की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सीबी
एन त्रिपाठी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को नैपकिन वितरण के लिए
लगाया गया, जहां स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग को नैपकिन का भुगतान कर
रहा है तो स्वास्थ्य बिना किसी शुल्क लिए ही नैपकिन वितरण कर रहा है।