मुस्लिम मुझे हिन्दू समझते हैं और हिन्दू मुसलमान: फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का एक अलग रूप लोगों के सामने आया है। फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि वह मुस्लिम हैं, पर पता नहीं क्यों उन्हें राम से बहुत लगाव है। फारूक अब्दुल्ला ने राम के नाम का एक भजन भी गाया। मौका था एक टीवी चैनल के कार्यक्रम का। इस कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर, कश्मीरी पंडित, धर्म, सियासत समेत कई मुद्दों पर सवाल पूछा गया उन्होंने बड़ी बेबाकी के साथ सारे सवालों का जवाब दिया। कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह मुस्लिम हैं पर पता नहीं क्यों उन्हें राम बेहद से लगाव है। उन्होंने कहा, ” मैं मुसलमान हूं, पर न जानें क्यों मुझे राम से बहुत लगाव है।” कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने एक भजन भी गुनगुनाया। भजन के बोल कुछ तरह हैं। “मोरे राम…जिस गली गयो मोरे राम, जिस गली गयो मोरे राम, मोरा आंगन, सुना-सुना, जिस गली गयो मोर राम, मोरे श्याम, जिस गली गयो मोरे राम, सखी-सखी ढूंढो कहां गयो मोरे राम।”
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुस्लिम उन्हें हिन्दू समझते हैं और हिन्दू मुसलमान। उन्होंने कश्मीर की समस्या पर भी अपनी बात रखी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मसले का समाधान जरूर निकलेगा, लेकिन कब ये पता नहीं। उन्होंने कहा कि भारत पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान से वापस नहीं ले सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की जोरदार पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि बिना बातचीत के दोनों मुल्कों के बीच अमन बहाली मुश्किल है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ तकतक बंद नहीं होगी जबतक भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ना हो। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है और आगे भी रहेगा।
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हर धर्म को जोड़ने की बात करनी होगी। मौजूदा राजनीति पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बांटने की राजनीति से देश को बचाने की जरूरत है। बातचीत को एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे पर ले जाते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि कश्मीरी पंडितों की वापसी जम्मू कश्मीर में होगी। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान से आखिर क्यों नहीं बात कर सकता है। जब उनसे पत्थरबाजों के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें रोकने की ताकत उनके पास नहीं है।