यूपी में एनकाउंटर के नाम पर कानून को हाथ में लिया जा रहा है: तीस्ता
अलीगढ: मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा है कि यूपी में एनकाउंटर के जरिये कल्याण राज एक बार फिर वापस आ रहा है। पुलिस अपराध रोकने की आड़ में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रही है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में स्टूडेंट यूनियन की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित वूमेन एचीवमेंट मीट-2018 में बतौर मुख्य अतिथि तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि राजनीतिक ताकतें हम पर हावी होती जा रही हैं। हमें इनसे बचकर रहना होगा। उन्होंने कांग्रेस की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि 70 साल में कांग्रेस ने जो काम किए, वह सभी के सामने हैं। कांग्रेस कार्यकाल में मानवाधिकार आदि को लेकर कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए।
उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह नहीं चाहती कि अलग-अलग ताकतें मानवाधिकार को लेकर आगे बढ़ें। हम इस्लाम के लिए तो लड़ रहे हैं, लेकिन हमें इस्लाम के साथ दलित और किसान के लिए भी लड़ना होगा। महिलाओं का तबका अपने अधिकारों के लिए आगे नहीं आया तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने लोकशाही को जकड़कर रखा हुआ है।
उत्तर प्रदेश की बात करते हुए तीस्ता ने कहा कि यहां दोबारा कल्याण राज आ रहा है। एनकाउंटर के नाम पर कानून को हाथ में लिया जा रहा है। दहेज का मामला कभी नहीं उठाया गया। कई राज्य तो ऐसे हैं जहां लड़कियों को पैदा होने से पहले ही उनको मार दिया जाता है।
एएमयू में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने यह भी कहा कि अयोध्या कांड के बाद मुस्लिम बेटियों का रुझान पढ़ाई के प्रति बढ़ा है। बेटियां पढ़ाई में अव्वल होते हुए ज्यादा शिक्षित हुई हैं।
तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि हमें कुछ हासिल करना हैं और भविष्य बेहतर चाहते हैं तो मुसलमान, दलित और किसान को साथ मिलकर सड़कों पर आना होगा। सभी एक साथ मिलकर संघर्ष करेंगे तभी परेशानियां कम हो सकती हैं।