महाराष्ट्र: सरकार ने मानी किसानों की मांगें, प्रदर्शन ख़त्म
मुंबई: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार हजारों प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए राजी हो गई है. किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद सोमवार दोपहर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि सरकार ने लिखित रूप में अपनी स्वीकृति दे दी है. सीएम फडणवीस ने कहा कि मुख्य सचिव इसमें आगे की प्रक्रिया की देखरेख करेंगे. गौरतलब है कि किसानों का मोर्चा रविवार को ही मुंबई के आजाद मैदान पहुंच गया था. किसानों की मुख्य मांगों में कर्ज माफी और फसलों के सही दाम शामिल है. सूत्रों के अनुसार सरकार ने कर्जमाफी की मांग मान ली है. सरकार किसानों के 1.5 लाख तक के कर्ज को माफ करेगी और इसकी मियाद जून 2017 की रखी है जो कि पहले जून 2016 रखी गई थी. सरकार के आश्वासन के बाद किसानों ने अब अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है.
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की ओर से आयोजित इस मार्च में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के किसान धड़े के किसान लाल टोपी पहने, हाथों में लाल झंडे लिए ड्रम बजाते हुए मार्च में शामिल हुए. किसानों ने छात्रों की बोर्ड परीक्षाओं में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए रात (सोमवार) को दो बजे ही विद्याविहार के सोमैया मैदान से ऐतिहासिक आजाद मैदान के लिए रवाना हो गए. किसानों की सोमवार दोपहर को महाराष्ट्र विधानसभा की घेराबंदी करने की योजना को देखते हुए सरकार ने किसानों के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आनन-फानन में छह सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति गठित कर दी थी. किसान नेता अजीत नवाले ने कहा कि हमारी प्रमुख मांगों में जून 2017 में घोषित हुए किसान कर्ज माफी को लागू करना है, जिससे किसान पूरी तरह से कर्जमुक्त हो सकें.
मोर्चे के मुंबई पहुंचते ही कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पदयात्रा का समर्थन भी किया. सत्ता में बैठी शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने किसानों को संबोधित किया. मुंबई नगरपालिका ने आज़ाद मैदान में किसान मोर्चा के लिए ख़ास इंतज़ाम किए हैं. 40 सीटों वाला टॉयलेट, पानी के 4 टैंकर, एंबुलेंस का इंतज़ाम किया गया है. मंत्रालय और आज़ाद मैदान के आसपास के सार्वजनिक शौचालयों को अगले दो दिन तक मुफ़्त सेवा देने के निर्देश हैं. साथ ही आज़ाद मैदान में साफ़ सफ़ाई के लिए अतिरिक्त लोगों को लगाया गया है.