विकास कार्यों के पूरा किये बिना स्वच्छता रैंकिंग का कोई मतलब नहीं
लखनऊ। देश में स्वच्छता के मामले में शहर को सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग दिलाये जाने के नाम पर चलाये गये अभियान में फूंके गये करोड़ों रूपयों और स्वच्छता के मानक को जांचने व परखने आयी केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम को शहर को स्वच्छ दिखाने से पूर्व हुयी सफाई पर सवालिया निशान उठाते हुये लखनऊ जनविकास महासभा ने इसे शहर की जनता के साथ धोखा बताया है और कहा है कि शहर की जनता को स्वच्छता की रैंकिंग के खिताब की नहीं बल्कि नियमित सफाई व्यवस्था की जरूरत है। महासभा के संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी ने आज यहां साफ शब्दों में कहा है कि स्वच्छता रैंकिंग के लिये विज्ञापनों में बहाये गये रूपयों और केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम को शहर को स्वच्छ दिखाने के लिये दिखावटी सफाई व्यवस्था से शहर का भला नहीं होने वाला है, यानी नगर निगम प्रशासन द्वारा स्वच्छता रैंकिंग के नाम पर उठाये जा रहे कदम ‘दो दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे है। श्री तिवारी ने कहा कि स्वच्छता रैंकिंग का खिताब दिलाने से शहर की जनता के साथ न्याय नहीं होने वाला है, बल्कि नगर निगम प्रशासन को नियमित सफाई व्यवस्था के साथ शहर में वर्षों से पड़ी विकास की कई योजनाओं को पूरा करने के लिये कदम उठाने की जरूरत है। शहर के विभिन्न हिस्सों की समस्याओं का उठाते हुये बताया कि शहर के आलमबाग क्षेत्र में वर्षों से अधूरी पड़ी सीवरलाईन डालने की योजना हो या फिर फैजुल्लागंज में जल निकासी का मामला हो, यही नहीं बल्कि लगभग दो दशक पूरे करने जा रही जानकीपुरम विस्तार योजना में आज तक कूड़ा निस्तारण की नियमित व्यवस्था न होने से क्षेत्र के हालातों में सुधार नहीं हो पा रहा है। बारिश के दिनों में जल निकासी न होने से आलमबाग हो या फैजुल्लागंज जैसे तमाम इलाकों में घरों के अन्दर पानी घुस जाता है। फैजुल्लागंज जैसे क्षेत्रों में तो महामारी फैलने जैसे हालात हो जाते है। यदि अमीनाबाद क्षेत्र की बात की जाये तो यहां नियामत उल्ला रोड स्थित कूड़ा घर की वजह से आसपास के लोगों का रहना तो मुश्किल हो ही रहा है साथ यहां से निकलना भी मुश्किल रहता है, इस कूड़ाघर की हालात यह है कि यहां चैबीसों घंटे कूड़े का ढेर लगा रहता है और अक्सर उसमें आग लगा दी जाती है। इसके साथ ही शहर में बसी नयी कालोनियों में खाली पड़े प्लाॅट और पार्क कूड़ाघर बने हुये है। वहीं शहर और उससे लगे बाहरी क्षेत्रों में रेलवे लाईन में किनारे बसी अवैध झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे लोग केन्द्र की खुले में शौचमुक्त अभियान को ठेंगा दिखा रहे है। श्री तिवारी ने शहर की जनता से अपील करते हुये कहा है कि केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम के समक्ष स्वच्छता को लेकर वास्तविकता को सामने रखे।