सीरियाई मुसलमानों की रक्षा के लिए जुमा को मुसलमान मनाएंगे यौमे-दुआ
लखनऊ:- सीरिया के पूर्वी नगर गोता और अदलब में सीरियाई और रूसी सेना के बर्बर हमले, निर्दोष नागरिकों की हत्या पर सख्त तकलीफ का इजहार करते हुए जमीअत उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने बतलाया कि जमीअत उलमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद असद मदनी की हिदायत पर उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सीरिया में जारी सरकारी बमबारी की निंदा की और सीरियाई मुसलमानों के लिए जुमा( को यौमे दुआ के रूप में मनाया जाएगा।
मौलाना उसामा ने कहा कि यह सिर्फ सीरिया ही नहीं बल्कि पूरी मानवता का मसला है। सारी दुनिया के इंसानों को एक आवाज़ होकर इस क्रूर बमबारी और नरसंहार के विरूद्ध आवाज़ उठाना चाहिए। उन्होंने बतलाया कि 10 मार्च को लखनऊ में होने वाले प्रांतीय अधिवेशन में विभिन्न धर्मों के धर्म गुरु, सामाजिक संगठनों के जिम्मेदारों और विभिन्न पंथों एवं मसलकों के शीर्ष नेतृत्व सहित हजारों लोगों की मौजूदगी में शाम और फिलीस्तीन के मुद्दे को मजबूती साथ उठाया जाएगा।
मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने सीरिया के पूर्वी शहर गोता और अदलब में सीरियाई और रूसी सेना के क्रूर हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत पर सख्त तकलीफ का इजहार किया और मौलाना महमूद मदनी की विश्व समुदाय से की गई अपील का पुरजोर समर्थन किया कि वह केवल कड़ी निंदा और युद्धबंदी के प्रस्ताव से ऊपर उठकर व्यावहारिक कदम उठाया जाये। मौलाना ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है कि वहाँ की सरकार अपने ही आम नागरिंको के ऊपर घातक हथियारों का इस्तेमाल कर रही है और सुरक्षा परिषद के संघर्ष विराम की अपील को ठुकरा कर चिकित्सा और खाद्य सहायता की राह में रुकावट डाल रही है।
मौलाना ने कहा कि इस समय मूल समस्या गोता में फंसे चार लाख इंसान हैं। जिन तक मदद पहुंचाना उनकी जान बचाने के लिए अति आवश्यक है। उन्होंने इसी संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र, रूस, फ्रांस, अमेरिका, गल्क को-आपरेशन काउंसिल और अरब लीग आदि से आग्रह किया है कि वह राजनयिक, मानवीय और अन्य शांतिपूर्ण तरीको पर अमल करते हुए सीरिया के नागरिकों के खिलाफ जारी इस नरसंहार और युद्ध अपराध पर रोक लगाएं और विशेष रूप से सीरिया के शासन पर तत्काल दबाव बनाया जाये ताकि मानवीय और सरकारी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपने ही के आम नागरिकों को मारने रोका जा सके।
मौलाना उसामा ने एक बार फिर उत्तर प्रदेष के सभी मुसलमानों विशेषकर उलेमा, मस्जिदों के इमामों और जमीअत उलमा ए हिन्द के जिम्मेदारों से आग्रह किया है कि वह मानवीय और दीनी भाईचारे के आधार पर सीरिया के मुसलमानों के लिये आज 2 मार्च को यौमे जुमा (शुक्रवार) को यौमे दुआ के रूप में मनाएं और नमाज़ ए जुमा की दुआ में अल्लाह से उनकी हिफाज़त के लिए विशेष रूप से दुआ करें।