नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी को सही ठहराया. जांच एजेंसी ने कहा कि कार्ति के जांच में असहयोग और लगातार विदेशी यात्राओं के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया.

कार्ति की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि केन्द्रीय जांच एजेंसी ने पिछले छह महीनों में उनके मुवक्किल को तलब नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने कार्ति की तरफ से कहा, 'दूसरों से अलग मैं (कार्ति) हिंदुस्तान छोड़ने वाला नहीं बल्कि हिन्दुस्तान लौटने वाला हूं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति को 15 दिन हिरासत में दिये जाने का आग्रह करते हुए सीबीआई के वकीलों ने डयूटी मजिस्ट्रेट सुमित आनंद के समक्ष दलील दी कि कार्ति ने जांच में सहयोग नहीं किया था और वह लगातार विदेश की यात्राएं कर रहे है जिससे सबूतों के साथ उनके और अन्य के द्वारा छेड़छाड़ की आशंकाओं की पुष्टि होती है.

सीबीआई अभियोजकों वी के शर्मा और पद्मिनी सिंह ने दलील दी कि कार्ति को गिरफ्तार किये जाने का एक और आधार यह है कि एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया (पी) लिमिटेड की पूर्व निदेशक इंद्राणी मुखर्जी के 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किये थे. इंद्राणी ने अपने बयान में कहा था कि यहां हयात होटल में आईएनएक्स मीडिया की तरफ से कार्ति को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दी गई थी.

सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि यह एक बेतुका मामला है और गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बनता है.

उन्होंने दलील दी कि कार्ति को सीबीआई ने पिछले वर्ष दो बार 23 अगस्त और 28 अगस्त को तलब किया था और एजेंसी ने उनसे 22 घंटों तक पूछताछ की थी और इस दौरान कार्ति ने सभी सवालों के जवाब दिये थे.

सिंघवी ने कहा, 'इन दो दिनों के बाद, उन्हें (कार्ति) सीबीआई की तरफ से एक बार भी नहीं बुलाया गया. 180 दिन की चुप्पी के बाद वे कहते है कि कार्ति सहयोग नहीं कर रहे हैं.'

उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि आप (सीबीआई) अपने बॉस को दिखाना चाहते हैं कि आप कुछ काम कर रहे हैं.'