नई दिल्ली: एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम को पांच दिन के लिये केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया. विशेष न्यायधीश सुनील राणा ने कार्ति की हिरासत को 6 मार्च तक के लिये बढ़ा दिया. इससे पहले सीबीआई ने अदालत में कहा कि कार्ति ने विदेश जा कर जो कुछ किया उसके बारे में उसके पास ‘‘बहुत ही चौंकानेवाले सबूत’’ हैं. सीबीआई के अनुसार जब वह विदेश में थे तो उन्होंने उन बैंक खातों को बंद करवाया जिनमें उन्हें धन प्राप्त हुआ था.’’

कार्ति को एक दिन की सीबीआई हिरासत के बाद आज अदालत में पेश किया गया. इस दौरान उसके पिता पी. चिदंबरम और माता नलिनी चिदंबरम भी अदालत में उपस्थित थे. ये दोनों ही वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. इस दौरान उन्हें कार्ति से बातचीत करते हुये देखा गया. अदालत में सीबीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ‘‘यह राजनीतिक विद्वेष का मामला नहीं है.’’ इसमें संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जांच की कारवाई की जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘कार्ति के खिलाफ काफी चौंकाने वाले सबूत मिले हैं कि उन्होंने विदेश जा कर क्या किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब वह (कार्ति) विदेश में गए थे तो उन्होंने वहा उन बैंक खातों को बंद कर दिया जिनमें धन प्राप्त हुआ था.’’ नियमित जांच के दौरान हालांकि, कार्ति ने कल सांस लेने में किसी तरह की परेशानी की शिकायत नहीं की फिर भी सफदरजंग अस्पताल के डाक्टरों ने कल रात उसे ह्रदयाघात देखभाल इकाई में भेज दिया. इसके बाद आज प्रात: ही उसे सीबीआई के कार्यालय लाया गया.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अस्पताल पहुंचने की वजह से सीबीआईको मिली उनकी एक दिन की हिरासत करीब-करीब बेकार ही रही. जांच एजेंसी को उनकी हिरासत बुधवार शाम साढ़े सात बजे मिली जबकि वह अस्पताल से आज वह सुबह ही वापस निकले.

कार्ति की वकालत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध करते हुये कहा कि मई 2017 की प्राथमिकी के संबंध में सीबीआई ने पिछले साल अगस्त में करीब-करीब 22 घंटे का समय बिताया और उसके बाद एजेंसी ने आज तक कोई नया समन जारी नहीं किया गया. इससे पता चलता है कि एजेंसी के पास पूछने के लिये और कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘असहयोग की बात साबित करने के लिये समन जारी करना ही एकमात्र रास्ता है. आपने मेरे असहयोग को कभी परखा ही नहीं. अचानक छह महीने बाद गिरफ्तार कर लिया. यह बड़ी विचित्र बात है कि जैसे ही मैं विमान से बाहर निकला मुझे गिरफ्तार कर लिया गया.’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘कार्ति के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. अदालत के आदेशों का लगातार पालन करने के बावजूद उसे गिरफ्तार किया जा रहा है.’’

सिंघवी ने सवाल किया कि यदि कार्ति ने विदेश में कुछ अवैध किया है तो सीबीआई ने उस अदालत के समक्ष अवमानना याचिका दाखिल क्यों नहीं की, जिस अदालत ने उसे विदेश जाने की अनुमति दी है. कार्ति को बुधवार को ब्रिटेन से वापसी पर चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया. सरकारी वकील मेहता ने कहा कि जांच एजेंसी के पास कर्ति के खिलाफ मजबूत सबूत हैं और वह इन सबूतों के संबंध में उनसे पूछताछ करना चाहती है.उनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए है जिनकी जांच की जानी भी. इस सब के लिए कम से कम 14 दिन की हिरासत चाहिए.

यह मामला मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया में विदेशी शेयर पूंजी के निवेश को मंजूरी में गड़बड़ी से जुड़ा है. यह मंजूरी 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने दी थी. उस समय कर्ति के पिता संप्रग सरकार के वित्त मंत्री थे. जांच एजेंसी ने पिछले साल मई में इस मामले में प्रथम सूचना रपट दायर की थी.