लखनऊ: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित मौलाना सलमान नदवी अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अलग बोर्ड बनाने जा रहे हैं. कोर्ट से बाहर अयोध्या विवाद को सुलझाने में जुटे सलमान नदवी ने अंतर धार्मिक ‘मानव कल्याण बोर्ड’ बनाने का ऐलान किया है. कहा जा रहा है कि आर्ट ऑफ़ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर इस बोर्ड का औपचारिक ऐलान 1 मार्च को करेंगे. यह बोर्ड आल इंडिया पर्सनल मुस्लिम बोर्ड के सामानांतर काम करेगा. इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य दो समुदायों के बीच धार्मिक स्थलों को लेकर होने वाले किसी भी विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका होगी.

एक प्रेस रिलीज़ जारी कर मौलाना नदवी ने मानव कल्याण बोर्ड के माध्यम से अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद के लिए तीन सूत्रीय फ़ॉर्मूला भी दिया है. मौलाना नदवी के मुताबिक अयोध्या में राममंदिर बने और मस्जिद इस्लाम के लिए बाबरी मस्जिद से ज्यादा जमीन मिले. इतना ही नहीं अयोध्या में इस्लामिक यूनिवर्सिटी के लिए भी जमीन आवंटित हो. दूसरी शर्त है कि बाबरी मस्जिद ढहाने वालों को दण्डित किया जाए. तीसरी और आखिरी शर्त है कि भविष्य में किसी मस्जिद, मदरसे, दरगाह, कब्रिस्तान आदि से छेड़छाड़ न की जाए.

बताया जा रहा है कि यह बोर्ड आल इंडिया पर्सनल मुस्लिम बोर्ड के सामानांतर काम करेगा. इतना ही नहीं अयोध्या विवाद को आउट ऑफ़ कोर्ट सेटलमेंट कराने में भी इस बोर्ड की अहम् भूमिका होगी. 1 मार्च को एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में इस बोर्ड की रूपरेखा मीडिया के सामने रखी जाएगी.

गौरतलब है कि इससे पहले मौलाना नदवी की सुलह समझौते की कोशिशों को मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड ने खारिज करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने साफ ऐलान किया था कि मुस्लिम पक्ष मस्जिद की जमीन से अपना दावा नहीं छोड़ेगा.

इसके बाद मौलाना नदवी पर अयोध्या सद्भावना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने विवाद सुलझाने के लिए 5 हजार करोड़ रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था. अब नदवी के इस फॉर्मूले और बोर्ड का नाम आते ही अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि अब उनकी बात सही साबित हो रही है.

मानव कल्याण बोर्ड का गठन केंद्र से लेकर जिलों तक होगा. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज इसके चेयरमैन होंगे, जबकि सभी धर्मों से जुड़े बड़े धर्मगुरुओं को बोर्ड के सदर के तौर पर शामिल किया जाएगा. मानव कल्याण बोर्ड की संरचना और कार्य पर बात करते हुए सलमान नदवी ने बताया कि ये बोर्ड देश में अंतर धार्मिक समूहों के बीच विवाद को हल करने के लिए होगा, जिसमें सभी धर्मों के बड़े और सम्मानित नाम शामिल होंगे. किसी भी तरह का विवाद अगर वह धार्मिक विवाद है और दो समुदायों से जुड़ा है, तो उसे निपटाने के लिए मानव कल्याण बोर्ड पहल करेगा. देश के बड़े साधु-महात्मा, सूफी संत और धर्मों के धर्माचार्य केंद्रीय कमेटी में होंगे, तो जिला स्तर पर जिले के सबसे सम्मानित धार्मिक नेता इसमें शामिल होंगे.