लखनऊ: राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के डाॅ0 अम्बेडकर सभागार में आज देश के विभिन्न राज्यों की युवा प्रतिभाओं को संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा पुरस्कृत किया गया। अवसर था आकाशवाणी संगीत प्रतियोगिता 2017 के विजेताओं के पुरस्कार वितरण समारोह का।

ज्ञातव्य हो कि वर्ष 1955 से प्रतिवर्ष आकाशवाणी महानिदेशालय अखिल भारतीय स्तर पर एक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन करता है। इसमें प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार विजेताओं को देश के किसी शहर में पुरस्कृत किया जाता हैै। लखनऊ में इस प्रतियोगिता के ग्यारह विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। लखनऊ की ही तरह आज आगरा, कोयम्बतूर, तिरूअनंतपुरम््, बंगलुरू और अहमदाबाद में भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित किए गए।

सम्मानित होने के पश्चात् इन युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से संगीत के अलग-अलग रंग बिखेरे। प्रस्तुतियों की शुरुआत कोलकाता की कलाकार उत्सो घोष के भजन “एक रंग पिया” और “झूलत श्याम” से हुई। इसके पश्चात् कोलकाता की ही देबांजना कर्मकार द्वारा भजन एवं ग़ज़ल की प्रस्तुति दी गयी। गायन की दो प्रस्तुतियों के पश्चात्् कोलकाता के सुधेन्दु हालदार द्वारा सारंगी पर राग बागेश्वरी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में आकाशवाणी जालंधर से संबद्ध राहुल सहोता द्वारा हसरत जयपुरी और मजरुह सुल्तानपुरी की ग़ज़लों को अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया गया।

आकाशवाणी कोलकाता के कलाकार सम्यक बंदोपाध्याय ने राग यमन में ख्याल प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।आकाशवाणी सिलिगुड़ी के कलाकारों नीलांजना काहालि ने जहाँ काज़ी नज़रुल इस्लाम के गीतों से समा बांधा, वहीं सुनंदा पाल ने रवीन्द्र संगीत प्रस्तुत किया।

आकाशवाणी जालंधर की युवा प्रतिभा गुरविंदर सिंह ने पंजाबी के विख्यात्् कवि शिव कुमार बटालवी की रचना “माये नी माये मेरे गीता दे नैना” से भी को मंत्रमुग्ध कर दिया तो जालंधर की ही एक अन्य युवा प्रतिभा बंदना कुमारी ने निदा फ़ाज़ली और सरदार अंजुम की ग़ज़लों को स्वर दिए।

शास्त्रीय, सुगम संगीत के साथ ही लोकसंगीत के स्वर भी युवा प्रतिभाओं की इस महफिल में गूंजे जब संगीत संध्या की अंतिम कलाकार आकाशलिना आमिन ने बांग्ला लोकगीतों को अपने सधे हुए कण्ठ से प्रस्तुत किया।

समारोह के प्रारम्भ में आकाशवाणी लखनऊ के केन्द्र निदेशक पृथ्वीराज चौहान ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत प्रतियोगिता के माध्यम से आकाशवाणी देश के विभिन्न क्षेत्रों में विद्यमान युवा प्रतिभाओं की खेाज कर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करता है। इन विजयी कलाकारों को आकाशवाणी संबद्ध केन्द्रों में “बी” ग्रेड कलाकारों के रूप में सूचीबद्ध भी कर लेता है। इन्हें आकाशवाणी में पुनः किसी क़िस्म का आॅडिशन नहीं देना पड़ता। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित दर्शकों को आकाशवाणी लखनऊ की कार्यक्रम अधिशासी (संगीत) श्रीमती स्पर्शिता श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मनीषा चौधरी ने किया।