65 प्रतिशत भारतीयों को फीयर आॅफ लाइट्स आॅन की चिंता सताती है
टाटा कम्यूनिकेशंस ने आज अपनी पहली ”इंडिया आइओटी रिपोर्ट“ प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि घर से बाहर रहने पर 65प्रतिशत भारतीयों को एफओएलओ या फोलो (फीयर आॅफ लाइट्स आॅन) की चिंता सताती रहती है और उनका मानना है कि संबद्ध प्रौद्योगिकी से उनकी चिंता दूर हो सकती है। इस संबंध में इंटरनेट आॅफ थिंग्स (आइओटी) के सिद्धान्त के विषय में लोगों की जागरूकता का स्तर और उनके दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव पता करने के लिए भारत के 12 शहरों में 2,000 लोगों पर सर्वेक्षण किया गया था।
इस रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से घर में ही वह माहौल होता है जहाँ लोग आइओटी से प्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण अंतर होने की अपेक्षा करते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 90प्रतिशत से ज्यादा (91.1प्रतिशत ) लोगों ने कहा कि वे आइओटी उपकरण द्वारा अपने जीवन में सुविधा, जैसे कि घर से दूर रहते हुए वास्तविक समय में घरेलू उपकरणों की निगरानी और प्रबंधन की वास्तविकता का अनुभव करना चाहेंगे।
वी.एस. श्रीधर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट तथा हेड इंटरनेट आॅफ थिंग्स, टाटा कम्युनिकेशंस ने कहा कि, ”आइओटी में हमारे जीवन में तनाव कम करने, उत्पादक यंत्रों को चालू करने, ऊर्जा की खपत कम करने, स्वास्थ्य की देखभाल में सुधार करने और नई तीव्र व्यावसायिक पद्धतियों का निर्माण करने की क्षमता है। हालांकि, ऐसे अनेक तरीकों के बारे में ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता है जिन तरीकों से आइओटी बेहतरी के लिए समाज में बदलाव ला सकता है और इसे ज्यादा सुरक्षित भी बना सकता है। जागरूकता बढ़ने से नई आइओटी सेवाओं की माँग में तेजी आएगी। इस उभरते सुपर-कनेक्टेड समाज, जो लोगों के जीवन का हर पहलू बदल देगा, के केन्द्र में जीवन जीने का एक नया ढंग होगा। इसे हम ‘सिविक आॅपरेटिंग सिस्टम’ या सिविक ओएस का नाम दे रहे हैं।“
इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि भारतीय उपभोक्ता अपने दैनिक घरेलू कामकाज में स्वचालन स्वीकार करने को तत्पर है, जो रस्मों से सुविधा की दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत है। आधे से अधिक (54.5प्रतिशत ) उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि वे महीने में कम से कम एक बार दूध आदि जैसे आवश्यक सामानों को संचित करना भूल जाते हैं। वहीं लगभग एक-चौथाई (22.7प्रतिशत ) लोगों ने बताया कि उनके पास साप्ताहिक आधार पर इस तरह के सामानों की कमी हो जाती है। सर्वेक्षण में शामिल तीन-चौथाई (75.3प्रतिशत ) ने टेक्नोलाॅजी पर खर्च करने की इच्छा जतायी जिसका अर्थ है कि उन्हें अपने हाथों से फ्रिज में नियमित सामानों को बार-बार भंडार करने की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी।