मायावती ने पैर छूने पर लगाई मनाही
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती नेपार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे उनके पैर ना छूएं. बीएसपी नेताओं ने दावा किया कि यह निर्देश पिछले सप्ताह जारी किया गया था और इसके जरिए बीएसपी के सभी कार्यकर्ताओं को अंबेडकर से कांशी राम की विचारधारा के संबंध में संदेश दिया गया है.
पिछले कुछ सालों में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में बीएसपी कार्यकर्ताओं को घुटने टेक कर मायावती के पैर छूते हुए देखना आम हो चुका था. बीएसपी के राज्यसभा सांसद मुनकद अली ने बताया,"पार्टी के सभी कार्यकर्ता बहनजी (मायावती) का काफी सम्मान करते हैं. वे उन्हें अपना सबसे बड़ा नेता मानते हैं. ऐसे में उनके प्रति सम्मान दर्शाना आम बात है. वे जहां भी जाती हैं वे सम्मान दर्शाने के लिए उनके पैर छूते हैं. बहनजी ने कहा कि यह ठीक नहीं है और इस रोकने के लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं.''
अली ने बताया कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आपस में "जय भीम' के जरिए एक-दूसरे का अभिवादन करने को कहा गया है. उन्होंने बताया, ''बसपा हमेशा से सभी तरह की सामाजिक असमानता के खिलाफ खड़ी रही है और बहनजी दलितों की मुखिया हैं. इससे (पैर न छूने से) पार्टी में समतावाद की भावना बढ़ेगी. अभिवादन के लिए "जय भीम" के संबोधन से कार्यकर्ताओं में डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों के प्रति विश्वास बढ़ेगा.'
पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बुरी तरह से हारने के बाद बीएसपी एक बार फिर अपनी जड़ें तलाशने में जुटी हुई है. समाज के अंदर ही यूपी में चंद्रशेखर आज़ाद से लेकर गुजरात में जिग्नेश मेवानी तक अलग-अलग आवाज़ें उठ रही है. ऐसे में बसपा के लिए बीएसपी के लिए बहुत ज़रूरी है कि अपने मिशन के तहत वो अलग-अलग राजनितिक दलों से लड़ कर अपना अस्तिव्व बचाए रखे.
इसी बीच सूत्रों के हवाले से ये ख़बरे भी आ रही हैं कि बसपा ने 2019 लोकसभा चुनावों के लिए भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी है. एक बसपा नेता ने बताया, "हमने सभी लोक सभा सीटों पर बूथ कमिटी बनाना शुरु कर दिया है. इस काम के पूरा होते ही हमारे कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी में जोड़ने की कोशिश करेंगे. अभी हालात हमारे पक्ष में है क्योंकि हर कोई केन्द्र और यूपी में बीजेपी सरकार से दुखी है."