भाजपा ने CM पद और राज्यसभा सीट का दिया लालच: प्रद्योत माणिक्य
नई दिल्ली: त्रिपुरा राजघराने के मुखिया प्रद्योत माणिक्य देबवर्मा ने दावा किया है कि बीजेपी ने पार्टी में शामिल होने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद और राज्यसभा सीट का लालच दिया था. त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रद्योत ने खास बातचीत में कहा कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने उनसे संपर्क किया है.
प्रद्योत ने कहा, “पिछले साल उन्होंने दो बार मुझसे संपर्क किया. त्रिपुरा में बीजेपी के चुनाव प्रभारी हिमांत बिस्वा शर्मा ने भी इस बारे में साफ संकेत दिए थे, हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी बात नहीं है. उनके अलावा कई बीजेपी नेता पार्टी में आने के लिए मुझसे कह चुके हैं.”
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा,“मैं बीजेपी की विचारधारा के साथ सहज नहीं हूं. मैं कांग्रेस की सोच का समर्थन करता हूं इसलिए मैंने इनकार कर दिया.” त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से महज तीन दिन पहले माणिक्य ने यह दावा किया है, वहां 18 फरवरी को मतदान होने हैं.
त्रिपुरा में बीजेपी सत्ताधारी सीपीएम को कड़ी टक्कर दे रही है. 60 सीटों की विधानसभा के लिए बीजेपी ने 51 उम्मीदवार उतारे हैं वहीं 9 सीटें बीजेपी ने अपने समर्थन वाली पार्टी आईपीएफटी के लिए छोड़ी हैं.
बीजेपी के पक्ष में नहीं आएंगे नतीजे
प्रद्योत ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी उधार में ली हुई शक्तियों पर दाव लगा रही है, इसलिए उसे वहां अच्छे नतीजे नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा, “जो लोग अभी बीजेपी में गए हैं वे 2019 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन होते ही वापस आना चाहेंगे. बीजेपी टिकट नहीं देती तो कई लोगों की योजना अभी ही वापस आने की थी. जिन 51 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है उनमें से 46 में कभी न कभी कांग्रेस का ही कब्जा रहा है.”
माणिक्य ने यह साफ किया कि हिमांता बिस्वा शर्मा ने उन्हें यह ऑफर नहीं दिया. उन्होंने कहा, “यह सुखद है कि वे लोग मुझे इतना बड़ा नेता समझते हैं कि मुझे अपनी पार्टी का चेहरा बनाना चाहते हैं. लेकिन मैं ऐसे लोगों के साथ काम नहीं कर सकता जिन्होंने त्रिणमूल में शामिल होने के लिए कांग्रेस को बर्बाद किया, फिर बीजेपी में शामिल होने के लिए त्रिणमूल को बर्बाद किया और अब कांग्रेस में वापस आने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी त्रिपुरा चुनाव में पानी की तरह पैसे बहा रही है. उन्होंने विधायकों की कथित तौर पर खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “55 साल की उम्र में अचानक इन नेताओं को बीजेपी की विचारधारा आकर्षित करने लगी हो इसके अलावा उनके जाने का और कोई कारण नहीं हो सकता. बीजेपी जो पैसे खर्च कर रही है वह बाहर से आ रहा है और मुझे लगता है कि यह करदाताओं का पैसा है. मैंने त्रिपुरा चुनाव में कभी इतने पैसे खर्च होते नहीं देखा. पिछले तीन चुनावों में मिलाकर जितना खर्च हुआ था उससे ज्यादा इस चुनाव में खर्च किया जा रहा है.”
आयाराम-गयाराम को बीच में लटकने दो
क्या वापस आने पर कांग्रेस उन नेताओं का स्वागत करेगी? इस सवाल के जवाब में प्रद्योत ने कहा- इन आयाराम-गयाराम नेताओं के बीच में लटकने देना चाहिए. क्योंकि ये कांग्रेस के किसी काम के नहीं रहे. बीजेपी को जल्द ही अहसास होगा कि उन्हें अपनी पार्टी में लेना उनकी बड़ी गलती थी.
त्रिपुरा चुनाव को लेकर प्रद्योत ने कहा, “कांग्रेस जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ रही है. 1977 के बाद पहली बार पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हमारे 26 उम्मीदवारों की उम्र 45 से कम है. 10 की उम्र 35 से कम है. हम युवाओं को मौका दे रहे हैं. हम सिर्फ सर्वाइवल के लिए नहीं अपना आधार बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.”